संदर्भ
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने देश में एकसमान मानक तथा वैश्विक बेंचमार्क स्थापित करने में भारत को अग्रणी बनाने के लिये ‘वन नेशन, वन स्टैंडर्ड’ की आवश्यकता पर जोर दिया है।
वन नेशन, वन स्टैंडर्ड मिशन का उद्देश्य
- मानकों की स्थापना और उन्हें लागू करने का उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। विदित है कि देश में एकल उत्पाद या सेवा के लिये विभिन्न मानक प्रदान किये जाते हैं।
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) एकमात्र राष्ट्रीय निकाय है,जो विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के लिये मानक निर्धारित करता है, जो अब तक 20,000 से अधिक उत्पादों को यह मानक प्रदान कर चुका है। इसके अतिरिक्त लगभग 50 अन्य एजेंसियों ने अब तक लगभग 400 मानक तैयार किये हैं।
- इस मिशन का उद्देश्य इन मानकों को बी.आई.एस. के साथ एकीकृत करना है। भारत में वैश्विक मानक स्तर की प्रयोगशाला परीक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिये आधुनिक उपकरणों तथा नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। जिससे दूसरे देशों पर गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त करने के लिये निर्भरता समाप्त हो सके।
- भारत सरकार ने वैश्विक बेंचमार्क के अनुरूप भारतीय मानकों को स्थापित करने का प्रस्ताव किया है, जिस प्रकार अन्य देश आयातित उत्पादों पर अपने मानकों को लागू करते हैं। इसके माध्यम से विदेशी वस्तुओं को भारतीय बाज़ार में प्रवेश के लिये भारतीय मानकों का पालन करना होगा। ‘समान राष्ट्रीय मानक’ होने से इसे अधिक से अधिक उत्पादों के लिये अनिवार्य बनाने में मदद मिलेगी।
भारतीय मानक ब्यूरो
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, जो उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तत्वाधान में काम करता है। इसे भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 के तहत स्थापित किया गया है।
- पूर्व में यह संगठन भारतीय मानक संस्थान (ISI) था, जिसे सितंबर 1946 में उद्योग एवं आपूर्ति विभाग के प्रस्ताव के तहत स्थापित किया गया था।आई.एस.आई. को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था।
- यह अधिनियम भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) को भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में स्थापित करता है।
अन्य मानक तथा प्रदाता संस्थाएँ
इसके अतिरिक्त कृषि विपणन से संबंधित ‘एगमार्क’ (AGMARK) मानक को विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय, ‘फ़ूड प्रोडक्ट्स ऑर्डर’ (FPO) मानक को ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय’ तथा भारतीय जैविक प्रमाणन को ‘कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण’ (APIDA) द्वारा प्रदान किया जाता है।