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एक वाहन, एक फास्टैग पहल

  • नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की एक वाहन, एक फास्टैग पहल 1 अप्रैल से लागू हो गई 
  • एक वाहन, एक फास्टैग का उद्देश्य 
    1. एक ही FASTag का उपयोग कई वाहनों के लिए करने पर रोक लगाना 
    2. किसी एक वाहन से कई फास्टैग को जोड़ने पर रोक लगाना

फास्टैग (FASTag)

fastag

  • FASTag, भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है
  • इसका संचालन, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)  द्वारा किया जाता है। 
  • यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेश (RFID) तकनीक का उपयोग करता है।
  • RFID टैग, गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है जो बैंक खाते या फिर वॉलेट से जुड़ा रहता है ।
  • जब भी गाड़ी किसी टोल प्लाजा क्रॉस करती है तो वहां पर लगे FASTag रीडर के द्वारा गाड़ी के FASTag स्टीकर को स्कैन किया जाता है
  • FASTag रीडर द्वारा स्कैन करने के बाद FASTag से अपने आप टोल टैक्स का भुगतान हो जाता है।
  • फास्टैग से या तो आपका बैंक अकाउंट लिंक होता है या फिर वॉलेट जिससे टोल टैक्स की फीस काट ली जाती है
  • FASTag के लिए गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट, गाड़ी के मालिक की पासपोर्ट साइज़ फोटो और ड्राइविंग लाइसेंस और पते के प्रूफ़ के तौर पर आधार कार्ड, पैन कार्ड या फिर वोटर आईडी कार्ड की ज़रूरत होती है 
  • अगर आपके पास दो गाड़ियां है तो दोनों के लिए अलग-अलग FASTag की आवश्यकता होती है 
  • एक FASTag की वैधता 5 वर्ष तक होती है 
  • इसे अप्रैल 2016 में शुरू किया गया था
    • 1 दिसंबर, 2017 से सभी नई कारों और ट्रकों को बेचने से पहले फास्टैग लगाना अनिवार्य है।
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