(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ) |
संदर्भ
यूरोपीय संघ (EU) ने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने के लिए 'ऑपरेशन स्काई शील्ड' योजना की घोषणा की है।
ऑपरेशन स्काई शील्ड के बारे में
- कोडनेम: स्काई शील्ड
- लक्ष्य: क्रूज मिसाइल हमलों से पश्चिमी यूक्रेन की रक्षा
- रणनीति : EU के लड़ाकू विमान यूरोपीय एयरबेस से उड़ान भरकर यूक्रेनी वायु सेना के साथ समन्वय में कार्य करेंगे।
- उद्देश्य : यूक्रेनी एयर डिफेंस को पूर्वी मोर्चे पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करना तथा यूक्रेन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे (critical infrastructure) की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
तकनीकी विवरण
- ऑपरेशन स्काई शील्ड के तहत यूरोपीय देशों द्वारा यूक्रेन की रक्षा के लिए 120 लड़ाकू विमानों की तैनाती किए जाने का प्रस्ताव है।
- स्काई शील्ड यूरोपीय नेतृत्व वाला एक हवाई सुरक्षा क्षेत्र होगा जो यूक्रेन के शहरों तथा बुनियादी ढाँचे पर रूसी क्रूज मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने के लिए नाटो से अलग संचालित होगा।
- प्रारंभ में इसमें यूक्रेन के तीन चालू परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और ओडेसा तथा लविव शहरों को शामिल किया जाएगा।
- परिचालन प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए, इस पहल को लंबी दूरी के रडार डिटेक्शन विमान, ईंधन भरने वाले विमान और विशेष टोही एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्धक विमानों की भी आवश्यकता होगी।
- ये क्षमताएँ यूरोपीय संघ के देशों और यूनाइटेड किंगडम में पहले से ही उपलब्ध हैं।
- EU के विमान केवल निर्दिष्ट क्षेत्र में यूक्रेनी सशस्त्र बलों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करेंगे।
- हवाई क्षेत्र की निगरानी संयुक्त रूप से या यूक्रेनी वायु सेना द्वारा की जा सकती है।
- स्काई शील्ड पहल को सर्वप्रथम वर्ष 2022 में यूरोपीय देशों के सेवानिवृत्त सैन्य योजनाकारों द्वारा पेश किया गया था।
- हालाँकि, रूस-यूक्रेन संघर्ष में संभावित भागीदारी के बारे में चिंताओं के कारण उस समय इसमें कोई प्रगति नहीं हुई।
प्रभाव
- EU रणनीतिकारों का मानना है कि यूक्रेन में 10,000 या उससे ज़्यादा यूरोपीय सैनिकों को भेजने से बजाय यह मिशन अधिक प्रभावी होगा।
- प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी : अमेरिका यूक्रेन को हथियार तो दे रहा है, लेकिन यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती को लेकर सहमत नहीं हैं। वहीं, दूसरी ओर यूरोप अब लड़ाकू विमानों की तैनाती पर विचार कर रहा है।
- रूस-यूक्रेन संघर्ष में अमेरिका की प्रतिक्रिया के बाद बने हालात यूरोप के लिए एक असाधारण स्थिति है क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार यूरोपीय देश खुलकर सैन्य हस्तक्षेप पर विचार कर रहे हैं।
- परमाणु युद्ध का खतरा : फ्रांस के न्यूक्लियर अंब्रेला की पेशकश और NATO सुरक्षा का प्रस्ताव, युद्ध को एक नए स्तर पर ले जा सकता है।
- इस योजना से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि फ्रांस ने यूक्रेन को परमाणु सुरक्षा प्रदान करने की पेशकश की है।
- यूरोप का विभाजन : यूरोपीय संघ (EU) के कुछ देश सैन्य हस्तक्षेप के पक्ष में हैं, जबकि कुछ देश इससे बचना चाहते हैं। इससे EU के भीतर भी तनाव बढ़ सकता है।
- पहल के समर्थकों के अनुसार, ऑपरेशन स्काईशील्ड में शामिल पायलटों के लिए जोखिम न्यूनतम होगा।
- क्योंकि रूस ने पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के दौरान परियोजना में उल्लिखित क्षेत्रों में अपने लड़ाकू विमानों को तैनात करने से परहेज किया है।