चर्चा में क्यों?
यूरोपीय देश आइसलैंड में स्थित ओरका संयंत्र विश्व का सबसे बड़ा कार्बन अवशोषक संयंत्र है।
प्रमुख बिंदु
- यह सीधे वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित कर इसे पत्थर में बदल देता है। इस प्रकार यह वायु से कार्बन डाईऑक्साइड को स्थाई रूप से हटा देता है।
- यह वायुमण्डल से कार्बन अवशोषण के लिये पंखों तथा फ़िल्टर का उपयोग करता है। अवशोषण के बाद यह कार्बन डाईऑक्साइड को गर्म करके भूमिगत रूप से संचय करता है जहाँ कुछ समय बाद ये पत्थर में बदल जाते हैं।
- इसका विकास स्विट्ज़रलैंड के एक स्टार्टअप ‘क्लाइमेट वर्क्स एग्री’ द्वारा आइसलैंड की कार्बन संग्रहण एजेंसी ‘कार्बीक्स’ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
- यह प्रतिवर्ष 4000 टन कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषित करने में सक्षम है। इससे वैश्विक तापन में कमी आ सकती है। साथ ही, यह वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के वैश्विक प्रयासों में भी मदद करेगा।
- हालाँकि, इसके संचालन में अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और यह एक महँगी प्रणाली है।