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ओरोपोच वायरस रोग

इमर्जिंग इन्फेक्शियस डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में इटली के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रेशिया के शोधकर्ताओं ने ओरोपोच रोग/बुखार से पीड़ित एक यात्री के वीर्य में प्रतिकृति-सक्षम ओरोपोच वायरस (OROV) की उपस्थिति की जांच की है, जिसमें यौन संचरण के संभावित खतरों पर प्रकाश डाला गया है।

ओरोपोच वायरस (Oropouche Virus) रोग के बारे में 

  • क्या है : यह एक आर्बोवायरल रोग (फ्लू जैसी बीमारी) है जो ओरोपोच वायरस (OROV) के कारण होता है।
    • यह एक खंडित एकल-स्ट्रैंडेड आर.एन.ए. वायरस है जो पेरिबुनियाविरिडे (Peribunyaviridae) परिवार के ऑर्थोबुनियावायरस (Orthobunyavirus) वंश (जीनस) का हिस्सा है।
  • संक्रमण : यह मुख्य रूप से क्यूलिकोइड्स पैरेंसिस मिज (Culicoides paraensis midge) या कुछ क्यूलेक्स क्विंक्यूफैसिआटस मच्छरों (Culex quinquefasciatus mosquitos) के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
    • इसके प्राकृतिक मेजबानों में कुछ जंगली पक्षी और पीले गले वाले स्लॉथ (pale-throated sloths) शामिल हैं। हालांकि, वर्तमान समय तक मनुष्य से मनुष्य में संचरण का कोई सबूत नहीं है।
  • लक्षण : रोग के लक्षण डेंगू के समान होते हैं।
    • प्राय: बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में अकड़न, दर्द, ठंड लगना और कभी-कभी लगातार मतली व उल्टी की समस्या होती हैं।
  • उपचार : अधिकांश मामले सात दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। 
    • ओरोपोच वायरस रोग के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। 
  • स्थानिकता : अमेज़न क्षेत्र
  • पहला दर्ज मामला : क्यूबा में
    • सितंबर 2024 तक ब्राज़ील, बोलीविया, पेरू, कोलंबिया, क्यूबा एवं डोमिनिकन गणराज्य में इसके 9,852 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
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