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ऑस्टियोपोरोसिस

संदर्भ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आँकड़ों के अनुसार, भारत में 61 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) से पीड़ित हैं जिसमें लगभग 80% महिलाएँ हैं। 

ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में

  • ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो अस्थियों को कमजोर बनाती है जिससे अस्थियों का घनत्व कम हो जाता है और फ्रैक्चर होने की संभावना बहुत अधिक होती है। 
  • अस्थियाँ प्राय: इतनी सघन एवं मज़बूत होती हैं कि वे शरीर का सारा वज़न सहन कर लेती हैं। 
    • हालांकि, आयु बढ़ने के साथ-साथ स्वाभाविक रूप से अस्थियों का घनत्व कुछ कम हो जाता हैं और उनकी स्वयं को फिर से विकसित (पुनः आकार देने) करने की क्षमता समाप्त हो जाती है। 
  • ऑस्टियोपोरोसिस के कारण किसी भी अस्थि के टूटने की संभावना बढ़ जाती है। सर्वाधिक प्रभावित होने वाली अस्थियों में कूल्हे (Hips), कलाई (Wrists) एवं रीढ़ की अस्थि (Spine) शामिल हैं।
  • वैश्विक स्तर पर, ऑस्टियोपोरोसिस के कारण प्रतिवर्ष लगभग 9 मिलियन फ्रैक्चर होते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण 

  • ऑस्टियोपोरोसिस में अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की तरह किसी प्रकार के स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कभी-कभी इसे एक ‘मूक विकार’ या ‘साइलेंट किलर’ (Silent Disease or Silent Killer) भी कहते हैं।
  • इस रोग का सबसे सामान्य लक्षण मामूली चोट या दुर्घटना के बाद भी अस्थि का अचानक टूट जाना है। 
  • ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद की स्थिति, निम्न बॉडी मास इंडेक्स (BMI), असंतुलित आहार, गतिहीन जीवनशैली, धूम्रपान एवं शराब का सेवन आदि को शामिल किया जा सकता है। 
    • यद्यपि ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण स्पष्ट तौर पर नहीं दिखाई देते है किंतु इससे शरीर मे होने वाले कुछ बदलावों को देखा जा सकता है- 
    • लंबाई में एक इंच या उससे अधिक की कमी होना
    • प्राकृतिक मुद्रा (Natural Posture) में परिवर्तन (जैसे- आगे की ओर अधिक झुकना)
    • सांस लेने में तकलीफ (यदि आपकी रीढ़ की अस्थि की डिस्क इतनी संकुचित हो गई हो कि आपके फेफड़ों की क्षमता कम हो जाए)।
    • पीठ के निचले हिस्से में दर्द

ऑस्टियोपोरोसिस का निदान एवं परीक्षण

  • ऑस्टियोपोरोसिस का निदान अस्थि घनत्व परीक्षण (Bone Density Test) द्वारा किया जाता है। यह एक इमेजिंग परीक्षण है इसमें अस्थियों में कैल्शियम एवं अन्य खनिजों की मात्रा को मापने के लिए एक्स-रे का उपयोग किया जाता है।
    • अस्थि घनत्व परीक्षण को Dual-Energy X-ray Absorptiometry (DXA) स्कैन भी कहा जाता है।
    • यह एक आउटपेशेंट प्रक्रिया है, जिसका अर्थ है कि आपको अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होगी। 

ऑस्टियोपोरोसिस का प्रबंधन व उपचार

  • स्वस्थ्य जीवनशैली : यद्यपि ऑस्टियोपोरोसिस को पूर्णतया ठीक नहीं किया जा सकता है किंतु जीवनशैली एवं आहार संबंधी कुछ कारक इसके जोखिम को कम कर सकते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस का प्रबंधन एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है जिसके लिए जीवनशैली में निरंतर बदलाव की आवश्यकता होती है।
  • खनिज व विटामिन : कैल्शियम और विटामिन ‘डी’ अस्थियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। कैल्शियम अस्थियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है जबकि विटामिन ‘डी’ कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है। 
    • ऐसे में 50 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं और 70 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों को भोजन से प्रतिदिन कम-से-कम 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो पूरक आहार भी लेना चाहिए।
  • नियमित व्यायाम : नियमित व्यायाम अस्थियों और उनसे संबंधित सभी ऊतकों, जैसे- मांसपेशियों , टेंडन एवं लिगामेंट्स को मजबूत कर सकता है। वजन उठाने वाले व्यायाम, तेज चलना, जॉगिंग व नृत्य अस्थियों के घनत्व को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छे हैं। 
  • उपचार : ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ हार्मोन थेरेपी में रिप्लेसमेंट एस्ट्रोजन या टेस्टोस्टेरोन और बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स (Bisphosphonates) आदि शामिल हैं। गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस या फ्रैक्चर के उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए पैराथाइरॉइड हार्मोन (PTH) एनालॉग, डेनोसुमैब (Denosumab) एवं रोमोसोज़ुमाब (Romosozumab) सहित विभिन्न दवाओं का उपयोग किया जाता है। ये दवाएँ प्राय: इंजेक्शन के रूप में दी जाती हैं। 
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