(प्रारंभिक परीक्षा : महत्वपूर्ण रिपोर्ट एवं सूचकांक) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)
रिपोर्ट का शीर्षक :‘टेकर्स नॉट मेकर्स : उपनिवेशवाद की अन्यायपूर्ण गरीबी एवं अनर्जित धन-संपत्ति' (Takers Not Makers: The Unjust Poverty and Unearned Wealth of Colonialism)
जारीकर्ता : ब्रिटेन स्थित स्वतंत्र गैर-सरकारी संगठन ऑक्सफैम द्वारा
ऑक्सफैम नाम वर्ष 1942 में ब्रिटेन में स्थापित ऑक्सफोर्ड कमेटी फॉर फैमिन रिलीफ से लिया गया है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
धनी वर्ग की संपत्ति में अत्यधिक वृद्धि :अरबपति वर्ग की संपत्ति वर्ष 2024 में 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 15 ट्रिलियन डॉलर हो गई है, जो वर्ष 2023 की तुलना में तीन गुना अधिक है।
दुनिया के 10 सबसे धनी लोगों की संपत्ति औसतन प्रतिदिन लगभग 10 करोड़ डॉलर बढ़ी है और अगर यदि उनकी संपत्ति का 99% हिस्सा कम हो जाए तो भी वे अरबपति ही रहेंगे।
अत्यधिक संपत्ति असमानता :जहाँ सबसे धनी 1% लोगों के पास अब वैश्विक संपत्ति का 45% हिस्सा है, वहीं दुनिया की 44% आबादी प्रतिदिन 6.85 डॉलर से कम पर जीवन यापन कर रही है।
वैश्विक गरीबी दर में 1990 के बाद से कोई विशेष बदलाव नहीं आया है।
खरबपति वर्ग का उदय : अब से एक दशक के भीतर कम-से-कम 5 अरबपति ऐसे होंगे जिनकी संपत्ति एक हजार अरब डॉलर से ज्यादा होगी।
भेदभावपूर्ण आर्थिक प्रणाली : वैश्विक स्तर पर एक ऐसी आर्थिक प्रणाली निर्मित की गई है, जहां अरबपति आर्थिक नीतियों, सामाजिक नीतियों को आकार देने में सक्षम हो रहे हैं, जिससे उन्हें अधिक-से-अधिक लाभ मिल रहा है।
महिला निर्धनता में वृद्धि :दुनिया भर में 10 में से एक महिला अत्यधिक गरीबी में रहती है, जिसकी आय प्रतिदिन 2.15 डॉलर से भी कम है।
अवैतनिक श्रम : विश्व भर में महिलाएँ प्रतिदिन 12.5 अरब घंटे बिना वेतन श्रम करती हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनुमानित 10.8 ट्रिलियन डॉलर का योगदान होता है। यह वैश्विक तकनीकी उद्योग के मूल्य का तीन गुना है।
धनी वर्ग में अयोग्यता :अरबपतियों की 60% संपत्ति उन्हें विरासत, एकाधिकार शक्ति या क्रोनी कनेक्शन से प्राप्त होती है, जो दिखाता है कि अरबपतियों की अत्यधिक संपत्ति काफी हद तक अयोग्यता पर आधारित है।
धनी वर्ग पर करारोपण की मांग :दुनिया भर की सरकारों से असमानता को कम करने, अत्यधिक धन संकेंद्रण को समाप्त करने और नए अभिजात वर्ग को खत्म करने के लिए सबसे धनी लोगों पर कर लगाने की अपील की गई है।
अरबपतियों की संख्या में वृद्धि :वर्ष 2024 में अरबपतियों की संपत्ति औसतन 5.7 अरब अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन बढ़ी, जबकि अरबपतियों की संख्या 2023 में 2,565 से बढ़कर 2,769 हो गई
सामाजिक कल्याण की उपेक्षा : हर देश में शिक्षकों पर निवेश करने, दवाइयां खरीदने और अच्छी नौकरियां सृजित करने के लिए जिस धन की सख्त जरूरत है, उसे सबसे धनी लोगों के बैंक खातों में डाला जा रहा है।
यह न केवल अर्थव्यवस्था के लिए बुरा है, बल्कि मानवता के लिए भी बुरा है
ऑक्सफैम रिपोर्ट की आलोचना
आलोचकों का कहना है कि यह रिपोर्ट पश्चिमी देशों के कुछ चुनिंदा अध्ययनों के आधार पर तैयार की जाती है और इसके परिणाम व्यवहारिक नहीं होते हैं।
धनी वर्ग से धन लेकर गरीबों में वितरित करने की ऑक्सफैम की रॉबिन हुड नीति भी लगातार सवालों के घेरे में रहती है।