प्रारम्भिक परीक्षा – बृहस्पति के चंद्रमा “कैलिस्टो” पर ओजोन गैस की खोज मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-1 (भूगोल) |
संदर्भ
हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने बृहस्पति के चंद्रमा “कैलिस्टो” पर ओजोन गैस की खोज की।
प्रमुख बिंदु :-
- इस खोज को इकारस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
- यह खोज भारतीय भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद के परमाणु, आणविक और ऑप्टिकल भौतिकी प्रभाग के आर. रामचंद्रन और उनके टीम के द्वारा किया गया है।
- इस शोध में ओजोन के निर्माण के लिए जिम्मेदार सल्फर डाइऑक्साइड बर्फ के रासायनिक विकास पर प्रकाश डाला गया है।
- इस शोध का उद्देश्य कैलिस्टो की सतह पर ओजोन निर्माण की प्रक्रिया को समझाना है।
- कैलिस्टो पर ओजोन की खोज से ऑक्सीजन की उपस्थिति का पता चला है।
ओजोन गैस (Ozone) :-
- यह एक वायुमंडलीय गैस है।
- यह ऑक्सीजन के 3 परमाणुओं से मिलकर बनता है।
- इस गैस की खोज जर्मन वैज्ञानिक क्रिश्चियन फ्रेडरिक श्योनबाइन ने वर्ष 1839 में की थी।
- इसका रंग हल्का नीला तथा इसमें तीव्र गंध होती है।
- यह अत्यधिक अस्थायी और प्रतिक्रियाशील गैस है।
- यह पृथ्वी से लगभग 15-35 किमी की ऊंचाई पर समतापमंडल (Stratosphere) के निचले हिस्से में पाई जाती है।
- यह पृथ्वी पर एक ढाल के रूप में कार्य करती है।
- यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण का अवशोषण कर पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है।
सूर्य से निकलने वाले पराबैंगनी विकिरण:-
- सूर्य से निकलने वाले पराबैंगनी विकिरण कई प्रजातियों के लिए हानिकारक है तो कई के लिए उपयोगी भी है।
- पराबैंगनी विकिरण के दो घटक पराबैंगनी-B (290-320 नैनोमीटर तरंग दैर्ध्य के) और पराबैंगनी-C (100-280 नैनोमीटर तरंग दैर्ध्य के) हैं।
पराबैंगनी विकिरण प्रभाव:-
- पराबैंगनी विकिरण मानव DNA को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- इससे मनुष्यों में त्वचा कैंसर और मोतियाबिंद हो सकता है।
- इसके प्रभाव से पृथ्वी पर उपस्थित पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं की कई प्रजातियां नष्ट हो सकती हैं।
कैलिस्टो (Callisto):-
- यह बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमाओं में से एक है।
- यह गेनीमेड और टाइटन(शनि का सबसे बड़ा उपग्रह) के बाद सौर मंडल का तीसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है।
- यह आकार में बुध ग्रह जितना बड़ा है। इतना बड़ा होने के बावजूद भी इसका द्रव्यमान बुध ग्रह के आधे से भी कम है।
- यह मुख्य रूप से बर्फ, चट्टान, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बनिक यौगिकों से मिलकर बना है।
- इन पदार्थों की वजह से इस पर जीवन विकसित होने की संभावना है।
- बृहस्पति के अन्य चंद्रमा आयो, यूरोपा, गेनीमेड आदि हैं।
निष्कर्ष:-
- यह खोज इन चंद्रमाओं पर भूवैज्ञानिक और वायुमंडलीय प्रक्रियाओं में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है।
- यह हमें उन सटीक तंत्रों को समझने में सहायता कर सकता है जिनके कारण
- यह बृहस्पति और उसके चंद्रमाओं का निर्माण के रहस्यों को समझने में सहायता कर सकती है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने बृहस्पति के किस चंद्रमा पर ओजोन गैस की खोज की है?
(a) आयो
(b) यूरोपा
(c) गेनीमेड
(d) कैलिस्टो
उत्तर (d)
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