प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक राष्ट्रीय घटनाक्रम)
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4 सितम्बर, 2024 को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) एवं ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
हालिया समझौता
- इस समझौते के तहत विद्रोही गुट हथियार डाल कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी हुए हैं।
- गृह मंत्रालय के अनुसार, सरकार द्वारा उग्रवाद, हिंसा एवं संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर के सपने को साकार करने के लिए अथक प्रयास किया जा रहा है।
- केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि लाने के लिए 12 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से तीन त्रिपुरा से संबंधित हैं।
समझौते में शामिल विद्रोही गुट
- नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) : इस उग्रवादी संगठन का गठन 12 मार्च, 1989 को हुआ था, जिसके अध्यक्ष धनंजय रियांग थे।
- ऑल त्रिपुरा टाइगर फ़ोर्स ( ATTF) : यह त्रिपुरा राज्य में सक्रिय एक त्रिपुरी राष्ट्रवादी उग्रवादी समूह है। इसकी स्थापना 11 जुलाई, 1990 को रंजीत देबबर्मा के नेतृत्व में त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक के पूर्व सदस्यों के एक समूह द्वारा की गई थी।
- गैर कानूनी घोषित : 3 अक्तूबर, 2023 को नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स को भारत सरकार ने गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है।