(मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2; विषय- भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
संदर्भ
- हाल ही में, पाकिस्तान ने भारत से होने वाले चीनी एवं कपास के आयात पर लगभग पिछले 19 माह से लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया था। किंतु अगले ही दिन पाकिस्तान सरकार ने इस निर्णय को वापस ले लिया।
- पाकिस्तान का अपने निर्णय से पलटना यह दर्शाता है कि यह अर्थव्यवस्था एवं व्यापार की बजाय राजनीति को अधिक महत्त्व दे रहा है।
क्यों आवश्यक है पाकिस्तान का भारत से आयात?
- पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण, 2019-20 के अनुसार, पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र में जहाँ चावल एवं मक्का के उत्पादन में 2.67% की वृद्धि देखी गई, वहीं कपास तथा गन्ने के उत्पादन में क्रमशः 6.9% एवं 0.4% की गिरावट आई। पाकिस्तान में कपास तथा गन्ने के उत्पादन में कमी के कारण संबंधित उद्योग प्रभावित हो रहे हैं।
- भारत से कपास एवं चीनी का आयात करना कोई राजनीतिक पहल नहीं, बल्कि पाकिस्तान की ज़रूरत है, क्योंकि पाकिस्तान के दो प्रमुख उद्योग; वस्त्र एवं चीनी उद्योग इस समय अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं-
वस्त्र उद्योग
- पाकिस्तान के टेक्सटाइल निर्यात की प्रमुख मदों में कच्चा सूत, सूती वस्त्र, बुने हुए वस्त्र तथा रेडीमेड वस्त्र शामिल हैं। चूँकि वर्ष 2020 तक आपूर्ति एवं घरेलू उत्पादन में व्यवधान के कारण इसके वस्त्र उद्योग क्षेत्र में भारी गिरावट आई है, अतः इससे निर्यात भी प्रभावित होगा।
- पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर कपास का पाँचवां सबसे बड़ा निर्यातक है और यह कपास से संबंधित उत्पादों के निर्यात के माध्यम से देश की कुल विदेशी मुद्रा का आधे से अधिक हिस्सा अर्जित करता है।
चीनी उद्योग
- पाकिस्तान में चीनी उद्योग भी संकट का सामना कर रहे हैं। चीनी उद्योग में संकट का प्रमुख कारण स्थानीय उपभोग में वृद्धि तथा कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हैं।
- सरकारी सब्सिडी में वृद्धि तथा इससे संबंधित प्रशासनिक निर्णयों के कारण चीनी उद्योगकर्ताओं ने चीनी का स्थानीय स्तर पर वितरण न करके इसके निर्यात को अधिक प्राथमिकता दी। इसके कारण वर्ष 2019 की शुरुआत में चीनी की कीमतें बढ़ने लगीं और वर्ष 2020 में उत्पादन में कमी व उच्च लागत के कारण चीनी उद्योग पर संकट उत्पन्न हुआ।
- इस प्रकार, भारत से चीनी एवं कपास का आयात करना पाकिस्तान तथा उसके उपभोक्ता बाज़ार के लिये अधिक लाभप्रद होगा। इससे जहाँ एक ओर इसके निर्यात में वृद्धि होगी, वहीं इसका विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ेगा।
संबंधित मुद्दे
- पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद कुरैशी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने अथवा व्यापार संबंधों को शुरू करने पर तभी विचार करेगा, जब भारत जम्मू -कश्मीर पर अगस्त 2019 में लिये गए अपने निर्णय की समीक्षा करेगा।
- हालाँकि, पाकिस्तान के वस्त्र उद्योग ने इस फैसले पर असहमति व्यक्त करते हुए भारत से कपास के आयात को तत्काल आवश्यक बताया।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान सदैव ही कहता रहा है कि अगर भारत चाहे तो दोनों देशों के संबंधों को सामान्य बनाया जा सकता है। इस दिशा में भारत ने बिना किसी पूर्व शर्त के पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू करने पर सहमति दे दी थी, किंतु पाकिस्तान ने अपने निर्णय को बदलकर यह सिद्ध किया है कि वह भारत के साथ संबंधो को सामान्य बनाने के पक्ष में नहीं है।
निष्कर्ष
भारत से कपास एवं चीनी का आयात पाकिस्तान की तात्कालिक आर्थिक ज़रूरतों पर आधारित था। इसे भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिये एक राजनीतिक विश्वास-निर्माण के उपाय के रूप में नहीं अपनाया गया। किंतु पाकिस्तान ने पुनः आयात प्रतिबंधों को जारी रखकर अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं नागरिकों के हितों को दरकिनार करते हुए राजनीति को प्राथमिकता दी है। ऐसे में यह आवश्यक है कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार तथा नागरिकों के कल्याण हेतु पाकिस्तान द्वारा अपने वर्तमान निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।