प्रारम्भिक परीक्षा – पलास फिश ईगल मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
संदर्भ
चिल्का झील में 10 साल बाद पलास फिश ईगल देखा गया।
पलास फिश ईगल :-
- पलास की मछली ईगल का वैज्ञानिक नाम “हलियाएटस ल्यूकोरीफस” है।
- यह एक्सीपिट्रिडे परिवार से संबंधित है।
- यह मध्य एशिया, उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप और म्यांमार आदि देशों में पायी जाती हैं।
- इस ईगल को एक्विला ल्यूकोरिफा पलास, बैंड-टेल्ड फिश ईगल आदि नामों से भी जाना जाता है।
विशेषता :-
- यह एक शिकारी पक्षी है।
- इसकी लंबाई 70 से 85 सेमी होती है तथा वजन लगभग 2 किलो से 3.70 किलो तक होता है।
- पंखों की लम्बाई 180 से 215 सेमी होती है।
- इसका सिर हल्के पीले रंग का तथा पंख गहरे भूरे रंग का होता है। पूंछ पर एक चौड़ी सफेद पट्टी बनी रहती है जो आकर्षक होती है।
- पलास फिश ईगल लंबे पंखों वाली और तुलनात्मक रूप से छोटी पूंछ वाली होती है।
निवास स्थान :-
- ये प्रजातियाँ आर्द्रभूमियों (वृक्ष से घिरे झील और नदियों) में निवास करती हैं।
आहार :-
- इसका आहार मुख्य रूप से मछली है। इसके अतिरिक्त ये छोटे स्तनधारियों, सरीसृपों, पक्षियों और मांस आदि को भी खाते हैं।
वैश्विक वितरण:-
- ये पक्षी कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, दक्षिणी रूस, मंगोलिया, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, उत्तरी भारत, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार आदि देशों में पाए जाते हैं।
वैश्विक स्थिति एवं संरक्षण:-
- फिश ईगल की वैश्विक जनसंख्या लगभग 10,000 से कम होने का अनुमान है।
खतरा:-
- आर्द्रभूमियों के क्षरण और गड़बड़ी से निवास स्थान की हानि, निकटवर्ती घोंसले वाले पेड़ों की कटाई और जलकुंभी जैसे खरपतवारों से जलाशयों के ढकने से जनसंख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
- इस गिरावट के कारण इसे IUCN रेड लिस्ट में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
चिल्का झील :-
- यह ओडिशा में स्थित एक खारे पानी की लैगून झील है।
- यह झील लगभग 1,100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है।
- यह झील बंगाल की खाड़ी में बहने वाली दया नदी के मुहाने पर स्थित है।
- यह झील पारिस्थितिकी रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण झील है।
- इस झील में शीतकाल के दौरान प्रवासी पक्षी अत्यधिक मात्र में आते हैं।
- इस झील में लगभग 187 पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं । इनमें प्रवासी पक्षियों की 108 प्रजातियों शामिल हैं।
- इस झील में स्थित नालाबन द्वीप को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया है।
- वर्ष 1981 में, चिल्का झील को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की पहली भारतीय आर्द्रभूमि में शामिल किया गया था।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में किस झील में 10 साल बाद पलास फिश ईगल देखा गया है?
(a) पुलीकट झील
(b) वेम्बनाड झील
(c) वुलर झील
(d) चिल्का झील
उत्तर: (d)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- पलास फिश ईगल की पर्यावरणीय विशेषताओं का उल्लेख करें।
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स्रोत :THE TIMES OF INDIA