मुख्य परीक्षा
(समसामयिक घटनाक्रम, योजनाएं एवं कार्यक्रम)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)
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संदर्भ
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आयकर विभाग के तहत पैन 2.0 परियोजना (PAN 2.0 Project) को मंजूरी दी है। इसको लागू करने के लिए सरकार द्वारा 1,435 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
पैन 2.0 परियोजना के बारे में
- पैन 2.0 एक ई-गवर्नेंस परियोजना है जिसे प्रौद्योगिकी के माध्यम से करदाता पंजीकरण प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इस परियोजना का उद्देश्य ऑनलाइन सत्यापन सेवा के माध्यम से वित्तीय संस्थानों, सरकारी एजेंसियों एवं केंद्र व राज्य सरकार के विभागों सहित पैन डाटा का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘अनिवार्य पैन डाटा वॉल्ट सिस्टम’ (Mandatory PAN Data Vault System) स्थापित करना है।
- यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 (PAN/TAN 1.0) पारितंत्र का अपग्रेड होगा जो कोर एवं नॉन-कोर पैन/टैन गतिविधियों के साथ-साथ पैन सत्यापन सेवा को एकीकृत करेगा।
- पैन 2.0 परियोजना डिजिटल इंडिया में निहित सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है जो निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता (Common Identifier for All Digital Systems) के रूप में पैन के उपयोग को सक्षम बनाती है।
- वर्तमान में पैन से संबंधित सेवाएं तीन अलग-अलग पोर्टल (ई-फाइलिंग पोर्टल, यू.टी.आई.आई.टी.एस.एल. पोर्टल एवं प्रोटीन ई-गवर्नेंस पोर्टल/e-Filing Portal, UTIITSL Portal and Protean e-Gov Portal) पर कार्य करती हैं। इस परियोजना में सभी पैन/टैन संबंधित सेवाएँ आयकर विभाग के एकल एकीकृत पोर्टल पर क्रियान्वित किया जाएगा।
- इनमें आवंटन, अद्यतनीकरण, सुधार, ऑनलाइन पैन सत्यापन (OPV), अपने ए.ओ. को जानिए (Know Your AO), आधार-पैन लिंकिंग, अपने पैन का सत्यापन, ई-पैन के लिए अनुरोध, पैन कार्ड के पुनः मुद्रण के लिए अनुरोध आदि सेवाएं उपलब्ध होंगी।
पैन 2.0 परियोजना के लाभ
- पैन 2.0 परियोजना करदाता नामांकन सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित परिवर्तन को सक्षम बनाती है और इसके महत्वपूर्ण लाभ इस प्रकार हैं :
- बेहतर गुणवत्ता के साथ पहुंच में आसानी और तेज सेवा प्रदान करना
- सत्य एवं डाटा स्थिरता का एकमात्र स्रोत
- पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाएँ तथा लागत समायोजन
- अधिक दक्षता के लिए बुनियादी ढांचे की सुरक्षा एवं अनुकूलन
इसे भी जानिए!
- PAN : यह आयकर विभाग द्वारा जारी 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक स्थायी खाता संख्या (Permanent Account Number) है जो आयकर विभाग को कर भुगतान, स्रोत पर कर कटौती (TDS)/स्रोत पर कर संग्रह (TCS) क्रेडिट और आयकर रिटर्न जैसे लेनदेन को विभाग के साथ जोड़ने में सक्षम बनाता है। मूलतः पैन, कर विभाग के समक्ष व्यक्ति के लिए पहचान-पत्र के रूप में कार्य करता है।
- TAN : कर कटौती एवं संग्रह खाता संख्या (Tax Deduction and Collection Account Number) आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर है। टैन उन सभी व्यक्तियों द्वारा प्राप्त किया जाना चाहिए जो स्रोत पर कर (TDS) काटने के लिए जिम्मेदार हैं या जिन्हें स्रोत पर कर (TDS) एकत्र करने की आवश्यकता है।
- TIN : करदाता पहचान संख्या (Taxpayer Identification Numbers) एक ग्यारह अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है जो प्रत्येक राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा व्यवसायों को को जारी किया जाता है।
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