(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2; द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।) |
संदर्भ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा पनामा नहर पर पुन: अधिकार करने और इसके लिए पूर्व में हस्ताक्षरित हस्तांतरण संधि की आलोचना की है।
यू.एस.-पनामा संधि
- पनामा नहर अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली एक कृत्रिम 80 किमी. लंबी नहर है।
- यह लागत, समय और दूरी को कम कर अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग के लिए एक महत्त्वपूर्ण आवागमन मार्ग है।
- इसका निर्माण कार्य अमेरिका द्वारा पूरा किये जाने के बाद वर्ष 1914 में इसे खोला गया तथा 31 दिसम्बर 1999 तक इस पर अमेरिका का नियंत्रण रहा।
- पनामा नहर से संबंधित पहली संधि के तहत 31 दिसंबर 1999 को नहर को पनामावासियों को सौंप दिया।
- इसे टोरीजोस-कार्टर संधि भी कहा जाता है।
- दूसरी संधि, जिसे स्थायी तटस्थता संधि कहा जाता है के तहत नहर को तटस्थ घोषित करते हुए इसे सभी सभी देशों के जहाजों के लिए खुला रखा गया।
- इस संधि के तहत, अमेरिका को नहर की तटस्थता की रक्षा करने और सैन्य आपात स्थितियों में इस मार्ग पर उसका प्राथमिक अधिकार है।
पनामा नहर का महत्त्व
- पनामा नहर वैश्विक आपूर्ति शृंखला के लिए महत्वपूर्ण है। कुल वैश्विक समुद्री व्यापार का 6% इसके माध्यम से होता है। यह नहर यू.एस. की तकनीकी एवं आर्थिक शक्ति का भी प्रतीक है।
- यह समुद्री जहाजों को दक्षिण अमेरिकी के अंतिम छोर केप हॉर्न से होकर जाने की आवश्यकता को समाप्त करने में मदद करती है।
- जिससे जहाजों को 13,000 किमी. की कम यात्रा करनी पड़ती है।
अमेरिका द्वारा विरोध के कारण
- अमेरिका द्वारा इसके विरोध मुख्य कारण पनामा नहर प्राधिकरण द्वारा अमेरिकी जहाजों पर लगाया गया उच्च पारगमन शुल्क है।
- वर्ष 2023 में, गैटुन और अल्हाजुएला झीलों में भयंकर सूखा पड़ा, जिससे नहर के शिपिंग और नेविगेशन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा क्योंकि यह नहर अपने संचालन के लिए इन जलाशयों पर निर्भर है।
- इसीलिए पनामा नाहर प्राधिकरण ने जहाजों को पार करने के लिए स्लॉट की संख्या में 36% की कमी कर दी। इससे पारगमन शुल्क में वृद्धि हुई।
- चिंता का दूसरा कारण पनामा नहर में चीनी हस्तक्षेप की उपस्थिति में वृद्धि है। वर्ष 2017 में, पनामा बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला लैटिन अमेरिकी देश बन गया और तब से, चीनी निवेश में काफी वृद्धि हुई है।
- हांगकांग स्थित एक कंपनी की सहायक कंपनी हचिसन पोर्ट्स पीपीसी, नहर के प्रवेश द्वार के पास दो बंदरगाहों का संचालन करती है, जिससे अमेरिकी नौसेना पर रसद संचालन और निगरानी पर चीनी प्रभाव को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
पनामा की प्रतिक्रिया
- पनामा के अनुसार,पारगमन दरें अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार एक प्रक्रिया द्वारा निर्धारित की जाती है।
- इसने चीन या यूरोपीय समुदाय जैसी किसी भी बाहरी ताकतों की संलिप्तता से इनकार करते हुए पनामावासियों के लिए संप्रभुता के महत्त्व पर बल दिया है।
- चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग के अनुसार पनामा नहर, पनामा के लोगों के लिए एक महत्त्वपूर्ण संरचना और एक तटस्थ मार्ग है तथा चीन पनामा की संप्रभुता का सम्मान करता है।
निष्कर्ष
पनामा द्वारा पारगमन दरों में वृद्धि और संचालन संबंधित चिंताओं पर कूटनीतिक रूप से चर्चा करने के साथ ही अमेरिका – पनामा दोनों देशों को संप्रभुता की पुष्टि के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की सहायता लेनी चाहिए।