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परम रूद्र सुपरकंप्यूटर

(सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।) 

संदर्भ 

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी रूप से विकसित तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर का अनावरण किया। यह वैज्ञानिक एवं तकनीकी उन्नति के लिए भारत के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर के बारे में 

  • परम रुद्र सुपरकंप्यूटर एक उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग  (High-Performance Computing : HPC) प्रणाली पर आधारित है जिसे जटिल गणनाओं एवं सिमुलेशन को तीव्र गति से संसाधित करने के लिए निर्मित किया गया है।
  • इन सुपरकंप्यूटरों को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (National Supercomputing Mission : NSM) के तहत सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) द्वारा विकसित किया गया है।
  • अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के लिए 130 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इन तीन सुपर कंप्यूटरों को पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात किया गया है।
  • परम ब्रह्माण्ड प्रणाली से लैस इस सुपरकंप्यूटर में कई हज़ार इंटेल सी.पी.यू., 90 अत्याधुनिक NVIDIA A100 GPU, 35 टेराबाइट मेमोरी और दो पेटाबाइट स्टोरेज है।

अनुप्रयोग

  • पुणे में स्थापित विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (Giant Metre Radio Telescope : GMRT), फास्ट रेडियो बर्स्ट (FRB) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए इस सुपरकंप्यूटर का लाभ उठाएगा।
  • यह सुपरकंप्यूटर दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) में परमाणु भौतिकी एवं सामग्री विज्ञान अनुसंधान में प्रगति का समर्थन करेगा।
  • कोलकाता में एस.एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान में उन्नत अध्ययन के लिए परम रुद्र का उपयोग करेगा। 

क्या है HPC प्रणाली

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौसम एवं जलवायु अनुसंधान के लिए 850 करोड़ रुपये की लगत वाले HPC प्रणाली का भी उद्घाटन किया।
  • पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF) में स्थित HPC प्रणाली में असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति है।
  • नए HPC प्रणाली को ‘अर्का’ और ‘अरुणिका’ नाम दिया गया है जो सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है।
  • ये उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, गरज, ओलावृष्टि, हीटवेव, सूखे और अन्य महत्वपूर्ण मौसम संबंधी घटनाओं से संबंधित भविष्यवाणियों की सटीकता में वृद्धि करेगा।

NSM के बारे में 

  • राष्ट्रीय शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को उच्च प्रदर्शन वाली कंप्यूटिंग सुविधाओं से जोड़ने के लिए वर्ष 2015 में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) की  शुरूआत की गई थी।
  • इसका प्रबंधन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं IT मंत्रालय (MeitY) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। 
    • बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और पुणे में उन्नत कंप्यूटिंग के विकास के लिए केंद्र (C-DAC) इसके कार्यान्वयन के प्रभारी हैं।

उद्देश्य 

इसका उद्देश्य एक मजबूत राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग क्षमता का निर्माण करना एवं अनुसंधान का समर्थन करने के लिए मजबूत कम्प्यूटेशनल सुविधाएँ प्रदान करना है। 

मिशन के लक्ष्य 

  • भारत को HPC में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना और घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए देश की क्षमता को मजबूत करना।
  • वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक कंप्यूटिंग संसाधन प्रदान करना ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नवाचारों का अध्ययन कर सकें।
  • भारत को सुपरकंप्यूटिंग पावरहाउस , वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी तथा  HPC में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना।
  • मिशन को तीन चरणों में विभाजित किया गया था: 
    • चरण I : सुपरकंप्यूटर असेंबली पर ध्यान केंद्रित करना
    • चरण II :  विशिष्ट घटकों के घरेलू विनिर्माण की जाँच
    • चरण III : भारत द्वारा एक सुपरकंप्यूटर का डिज़ाइन तैयार करना 
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