(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2; विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व।) |
संदर्भ
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने बेटे हंटर बिडेन को बिना शर्त क्षमा प्रदान की है, जिसे संघीय कर और बंदूक संबंधी अपराधों के लिए सजा का सामना करना पड़ रहा था।
राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का उद्भव
- 'क्षमादान का शाही विशेषाधिकार' ब्रिटिश सम्राट का ऐतिहासिक विशेषाधिकार है, जिसके तहत वह दोषी व्यक्तियों को क्षमा प्रदान करता है।
- इसका उपयोग मूल रूप से सम्राट द्वारा मृत्युदंड को वापस लेने या उसके विकल्प प्रदान करने के लिए किया जाता था।
- वर्तमान में इसका उपयोग मंत्रिस्तरीय सलाह के आधार पर किसी भी सजा या दंड के लिए क्षमा प्रदान करने के लिए किया जाता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति की क्षमादान शक्तियाँ
- अमेरिकी संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति महाभियोग के मामलों को छोड़कर क्षमा प्रदान कर सकते हैं।
- अमेरिकी राष्ट्रपति के पास संघीय आपराधिक मामलों के लिए क्षमा प्रदान करने की पूर्ण शक्ति है।
- इस तरह की क्षमा किसी कानूनी मामले की शुरुआत से पहले और किसी अपराध के लिए दोषसिद्धि से पहले या बाद में भी जारी की जा सकती है।
- एक बार स्वीकार किए जाने के बाद क्षमा, दंड और संबंधित अयोग्यता से राहत प्रदान करती है, लेकिन दोषसिद्धि रिकॉर्ड को मिटाती नहीं है।
हालिया विवाद
- वर्ष 1795 में प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन द्वारा दिए गए संघीय कर के खिलाफ़ विरोध करने वाले ‘व्हिस्की विद्रोह’ के नेताओं को माफ़ी दिए जाने से लेकर वर्ष 2001 में अपने कार्यकाल के अंतिम दिन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा अपने सौतेले भाई रोजर को माफ़ी दिए जाने तक, क्षमादान की शक्ति विवादों में घिरी रही है।
- वर्ष 2020 में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दामाद के पिता को माफ़ कर दिया था।
- हालिया मामले में, राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने बेटे हंटर बिडेन को वर्ष 2014 और 2024 के बीच किए गए किसी भी संभावित संघीय अपराध के लिए क्षमा प्रदान की है।
- यह उन सार्वजनिक वादों के विपरीत है जिसमें जो बिडेन ने कहा था कि वह अपने बेटे को माफ़ नहीं करेंगे।
- जो बिडेन ने तर्क दिया कि हंटर बिडेन पर चुनिंदा और अनुचित तरीके से मुकदमा चलाया गया था, और उन्हें केवल इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह उनका बेटा है।
- हंटर बिडेन को एक जूरी द्वारा ड्रग उपयोगकर्ता के रूप में अवैध रूप से बंदूक खरीदने और रखने का दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उन्होंने कर चोरी के एक मामले में अपना दोष स्वीकार कर लिया था।
भारतीय राष्ट्रपति की क्षमादान शक्तियाँ
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 और 161 में क्रमशः राष्ट्रपति और राज्यपाल को किसी दोषी को क्षमा, सजा में कमी, छूट, राहत या प्रलंबन देने की शक्तियाँ दी गई हैं।
- ये संप्रभु शक्तियाँ हैं जिनका प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाना चाहिए।
- भारतीय संदर्भ में क्षमादान अपराधी को दोषसिद्धि, दंड और सभी संबंधित अयोग्यताओं से मुक्त करता है।
- भारत में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ सत्तारूढ़ सरकारों द्वारा दया याचिकाओं के निर्णयों में स्वीकृति, अस्वीकृति या देरी राजनीतिक विवादों में उलझी हुई है।
- एपुरू सुधाकर मामले (2006) में सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि क्षमादान शक्ति का प्रयोग मनमानेपन, दुर्भावना या बाहरी विचारों के आधार पर न्यायिक समीक्षा के अधीन है।
आगे की राह
- क्षमादान शक्ति एक ऐसी प्रथा है जिसकी उत्पत्ति निरंकुश राजशाही के समय में हुई थी, जब कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का कोई पृथक्करण नहीं था।
- आलोचकों ने तर्क दिया है कि आधुनिक समय में क्षमादान शक्ति का उपयोग न्यायिक त्रुटियों को ठीक करने के बजाय राजनीतिक विचारों के लिए अधिक किया जाता है।
- यू.के. में, न्याय के कथित दुराग्रहों की जाँच के लिए आपराधिक मामलों की समीक्षा आयोग का गठन किया गया है।
- इसने क्षमा के शाही विशेषाधिकार के उपयोग को कम कर दिया है। यह कानून के शासन द्वारा शासित आधुनिक लोकतंत्र में न्यायिक त्रुटियों को ठीक करने का एक पारदर्शी और विवेकपूर्ण तरीका है।
- जब तक क्षमादान शक्ति संवैधानिक या विधिक रूप से उपलब्ध रहती है, तब तक इसका प्रयोग ऐसे तरीके से किया जाना चाहिए जिससे भाई-भतीजावाद या मनमानी न की जा सके।
- उच्च संवैधानिक संस्थानों में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि क्षमादान शक्तितों का पारदर्शी एवं विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग किया जाए।