संदर्भ
हाल ही में वैज्ञानिकों ने पार्किंसंस से जुड़े एक नए आनुवंशिक संस्करण की खोज की है।
पार्किंसंस का नया आनुवंशिक संस्करण:
- लिंकेज विश्लेषण का उपयोग करते हुए पार्किंसंस रोग के लिए “RAB32 Ser71Arg” नामक एक नए आनुवंशिक उत्परिवर्तन की पहचान हुई है।
- यह उत्परिवर्तन तीन परिवारों में पार्किंसनिज़्म से जुड़ा था और कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, पोलैंड, तुर्की, ट्यूनीशिया, यू.एस. और यू.के. सहित कई देशों के 13 अन्य लोगों में पाया गया है।
- यह पारिवारिक पार्किंसनिज़्म के कई रूपों की विकासवादी उत्पत्ति पर प्रकाश डालता है, जिससे बीमारी को बेहतर ढंग से समझने और इलाज करने के द्वार खुलते हैं।

पार्किंसंस रोग के बारे में
- पार्किंसंस रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव गतिविधि विकार है जो समय के साथ लगातार बढ़ता रहता है।
- यह रोग एक मस्तिष्क की स्थिति है जो चलने-फिरने, मानसिक स्वास्थ्य, नींद, दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है।
कारक
- पार्किंसंस रोग का कारण अज्ञात है लेकिन जिन लोगों के परिवार में इस बीमारी का इतिहास है उनमें जोखिम अधिक होता है।
- वायु प्रदूषण, कीटनाशकों और विलायकों के संपर्क में आने से जोखिम बढ़ सकता है।
प्रभाव
- पार्किंसंस रोग के परिणामस्वरूप विकलांगता की उच्च दर और देखभाल की आवश्यकता होती है।
- इससे पीड़ित कई लोगों में डेमेंसिया भी विकसित हो जाता है।
- पिछले 25 वर्षों में का पार्किंसंस प्रसार दोगुना हो गया है।
- वर्ष 2019 में वैश्विक अनुमानों से पता चला कि 8.5 मिलियन से अधिक व्यक्ति पार्किंसंस रोग से पीड़ित हैं।
- वर्तमान अनुमान बताते हैं कि, वर्ष 2019 में, इस रोग के परिणामस्वरूप 329,000 मौतें हुईं, जो वर्ष 2000 के बाद से 100% से अधिक की वृद्धि है।
- अकेले अमेरिका में, दस लाख से अधिक लोग पार्किंसंस से पीड़ित हैं, और नए मामले तथा कुल संख्या लगातार बढ़ रही है।
पार्किंसंस प्लस सिंड्रोम
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- पार्किंसंस प्लस सिंड्रोम, जिसे "एटिपिकल पार्किंसंस" भी कहा जाता है, ऐसी बीमारियाँ हैं जो व्यक्ति के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र कोशिकाओं पर हमला करती हैं।
- पार्किंसंस प्लस सिंड्रोम "क्लासिक" पार्किंसंस रोग की तुलना में अधिक गंभीर और इलाज के लिए कठिन है।
इसके चार मुख्य प्रकार हैं:
प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी (PSP)
- यह सबसे आम पार्किंसंस प्लस सिंड्रोम है।
- इससे पार्किंसंस रोग के समान ही पीड़ित व्यक्ति की गति और मांसपेशियाँ प्रभावित होती हैं, जैसे कठोरता व चलने या संतुलन में समस्याएं आदि।
लेवी बॉडीज़ के साथ डेमेंसिया (Dementia With Lewy Bodies)
- यह अल्जाइमर रोग के बाद डेमेंसिया का दूसरा सबसे आम रूप है।
- इससे पीड़ित व्यक्ति भ्रमित हो सकता है अथवा उसमें मतिभ्रम पैदा हो सकता है।
मल्टीपल सिस्टम एट्रोफी (Multiple System Atrophy)
- यह पीड़ित व्यक्ति के रक्तचाप और पाचन तंत्र प्रणालियों को नियंत्रित करने वाले स्वायत्त तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
- इससे पीड़ित व्यक्ति में पार्किंसंस के लक्षण जैसे कंपकंपी, कठोरता, संतुलन और बोलने में समस्याएं आदि को देखा जा सकता है।
कॉर्टिकोबासल अध:पतन ( Corticobasal Degeneration)
- यह चार मुख्य प्रकारों में सबसे दुर्लभ है।
- यह सेरेब्रल कॉर्टेक्स में मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है।
- यह गति को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के हिस्से ‘बेसल गैन्ग्लिया’ (Basal Ganglia) को भी प्रभावित करता है।
- इसके लक्षण पार्किंसंस रोग के लक्षणों के ही समान होते हैं।
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