वैकुंठ एकादशी के अवसर पर चेन्नई में द हिंदू ग्रुप ने ‘भगवान पार्थसारथी के दिव्य निवास- तिरुवल्लिकेनी’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।
पार्थसारथी मंदिर के बारे में
- परिचय : भगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू वैष्णव मंदिर
- पार्थसारथी का अर्थ है ‘अर्जुन का सारथी’ जो महाकाव्य महाभारत में अर्जुन के सारथी के रूप में कृष्ण की भूमिका को दर्शाता है।
- अवस्थिति : चेन्नई (तमिलनाडु)
- निर्माण काल : 6ठी शताब्दी
- शासक : पल्लव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम के शासन काल में निर्मित
- निर्माण शैली : द्रविड़ वास्तुकला शैली में निर्मित
- वर्णन : ‘नालयिर दिव्य प्रबंधनम’ ग्रन्थ में 108 दिव्यदेशमों में से एक के रूप में वर्णित
- इस ग्रंथ में 6ठी से 9वीं शताब्दी ई. पू. के अलवर संतों के प्रारंभिक मध्ययुगीन तमिल साहित्य का संग्रह है।
- विशेषता : मंदिर में विष्णु के पाँच रूपों की मूर्तियाँ : योग नरसिंह, राम, गजेंद्र वरदराज, रंगनाथ एवं पार्थसारथी के रूप में कृष्ण
- स्तुति गान : मंदिर में वैकुंठ एकादशी के दौरान देवता की स्तुति करते हुए 4,000 कविताओं का पाठन
- मंदिर का प्रशासन : तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और प्रबंधन बोर्ड द्वाराभगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू वैष्णव मंदिर
- पार्थसारथी का अर्थ है ‘अर्जुन का सारथी’ जो महाकाव्य महाभारत में अर्जुन के सारथी के रूप में कृष्ण की भूमिका को दर्शाता है।
- अवस्थिति : चेन्नई (तमिलनाडु)
- निर्माण काल : 6ठी शताब्दी
- शासक : पल्लव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम के शासन काल में निर्मित
- निर्माण शैली : द्रविड़ वास्तुकला शैली में निर्मित
- वर्णन : ‘नालयिर दिव्य प्रबंधनम’ ग्रन्थ में 108 दिव्यदेशमों में से एक के रूप में वर्णित
- इस ग्रंथ में 6ठी से 9वीं शताब्दी ई. पू. के अलवर संतों के प्रारंभिक मध्ययुगीन तमिल साहित्य का संग्रह है।
- विशेषता : मंदिर में विष्णु के पाँच रूपों की मूर्तियाँ : योग नरसिंह, राम, गजेंद्र वरदराज, रंगनाथ एवं पार्थसारथी के रूप में कृष्ण
- स्तुति गान : मंदिर में वैकुंठ एकादशी के दौरान देवता की स्तुति करते हुए 4,000 कविताओं का पाठन
- मंदिर का प्रशासन : तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और प्रबंधन बोर्ड द्वारा