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कण त्वरक

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)

संदर्भ 

परमाणु ऊर्जा विभाग थोरियम के लिए 1 गीगा-इलेक्ट्रॉन वोल्ट (GeV) कण त्वरक (Particle Accelerator) के निर्माण की योजना बना रहा है। 

क्या है कण त्वरक 

  • कण त्वरक बंदूक के समान एक उपकरण होता है जिसमें उप-परमाणु कण (इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन व न्यूट्रॉन) होते हैं। 
  • इन कणों की बमबारी का उपयोग थोरियम को यूरेनियम-233 (U-233) में बदलने के लिए किया जाता है। 
    • यूरेनियम-233 का उपयोग परमाणु रिएक्टर में विद्युत निर्माण के लिए किया जा सकता है।
  • भारत में कई कण त्वरक (साइक्लोट्रॉन एवं सिंक्रोट्रॉन) उपलब्ध हैं किंतु ये 30 मेगा इलेक्ट्रॉन-वोल्ट (MeV) तक ही सीमित है। 
  • नया कण त्वरक भारत के विशाल थोरियम संसाधनों के दोहन का एक साधन है जो भारत को ऊर्जा सुरक्षा की गारंटी दे सकता है।
  • कण त्वरक भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थोरियम को परमाणु ईंधन में बदलने में मदद करेगी। 

ईंधन के रूप में थोरियम 

  • परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए थोरियम के उपयोग के कई तरीके हैं। पहली विधि में परमाणु रिएक्टर में थोरियम के विकिरण (Radiation) से यूरेनियम-233 का उत्पादन करना शामिल है। 
    • फास्ट-ब्रीडर रिएक्टर में उपभोग की तुलना में अधिक विखंडनीय सामग्री का उत्पादन किया जा सकता है। 
    • अधिशेष विखंडनीय सामग्री का उपयोग अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। 
    • यह तरीका भारत की त्रि-चरणीय परमाणु ऊर्जा रणनीति का हिस्सा है।
  • दूसरे तरीके में परमाणु संयंत्र में उच्च ताप विन्यास (High Burn-up Configuration) में यूरेनियम के साथ थोरियम का उपयोग करना शामिल है ताकि इसके माध्यम से उत्पन्न यूरेनियम-233 के इन-सीटू (In-situ) विखंडन से थोरियम से अधिशेष ऊर्जा प्राप्त की जा सके। 
    • इस विधि का श्रेय ‘क्लीन कोर थोरियम एनर्जी’ कंपनी को जाता है, जो 14-15% तक संवर्धित यूरेनियम-238 एवं थोरियम से युक्त परमाणु ईंधन विकसित कर रही है। इसका ANEEL ईंधन वर्तमान में अमेरिका के इडाहो प्रयोगशालाओं में विकिरण परीक्षणों से गुजर रहा है।
  • तीसरी कार्यप्रणाली में थोरियम से विखंडनीय यूरेनियम-233 के उत्पादन हेतु न्यूट्रॉन निर्माण के लिए उच्च-ऊर्जा (1 GeV से अधिक) व उच्च-विद्युत धारा प्रोटॉन त्वरक का भी उपयोग किया जाता है। 
    • इसीलिए, परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) 1 GeV त्वरक के निर्माण की योजना बना रहा है।
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