भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट कला और सांस्कृतिक विरासत (INTACH) द्वारा 'परुवेता उत्सवम को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं
'परुवेता उत्सवम का आयोजन आंध्र प्रदेश के अहोबिलम में श्री नरसिम्हा स्वामी मंदिर में किया जाता है
इस वार्षिक उत्सव में कृत्रिम शिकार प्रशिक्षण अभ्यास किया जाता है।
इस उत्सव के दौरान मंदिर के गर्भगृह से देवता को 40 दिनों के लिए चेंचू आदिवासी बस्तियों में ले जाया जाता है।
चेंचू जनजाति
यह एक द्रविड़ जनजाति है, जो आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , कर्नाटक और ओडिशा में पायी जाती है ।
इनकी जीवन शैली शिकार करना और वन संसाधन संग्रहण पर आधारित है।
ये चेंचू भाषा बोलते हैं
चेंचू आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विशेष रूप से सुभेध जनजातीय समूह (PVTGs) हैं।