(प्रारंभिक परीक्षा : भारत एवं विश्व का भूगोल) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3: भारत का भूगोल, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण) |
संदर्भ
पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना दस्तावेजों के आधार पर रणथंभौर बाघ अभयारण्य का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो सकता है। इससे रिजर्व के आवास संपर्क एवं वहन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्र शामिल है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल (PKC) परियोजना के बारे में
- समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर : जुलाई 2024 में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान सरकार के बीच
- परियोजना लागत : 72,000 करोड़ रूपए
- शामिल नदियां : चंबल की सहायक पार्वती, कालीसिंध की उप-सहायक नेवज नदी और चंबल की सहायक कालीसिंध नदी
- प्रस्तावित बांध :
- पाटनपुर बांध : पार्वती नदी पर
- मोहनपुरा बांध : नेवज नदी पर
- कुंडलिया बांध : कालीसिंध नदी पर
- महत्व : लिंक परियोजना द्वारा चंबल बेसिन के उपलब्ध जल संसाधनों का इष्टतम एवं किफायती उपयोग
पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का उद्देश्य :
- राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के हिस्से के रूप में पी.के.सी. लिंक परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के साथ एकीकृत करना
- पूर्वी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के मालवा व चंबल क्षेत्रों के 13 जिलों में पेयजल एवं औद्योगिक जल उपलब्ध कराना
- दोनों राज्यों में प्रत्येक में न्यूनतम 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना
इसे भी जानिए!
चंबल नदी
- उद्गम : मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू के पास जनापाव की पहाड़ी (विंध्य पर्वतमाला)
- विशिष्टता : इटावा जिले के साहोरे गाँव के पास यमुना नदी में मिलने वाली यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदी
- जलग्रहण क्षेत्र : 1,32,508 वर्ग किलोमीटर
- सहायक नदियां : शिप्रा (क्षिप्रा), कालीसिंध, शिवना, रेतम, अंसार, बनास, पार्वती, सीप, कुवारी, कूनो, आलनिया, मेज, चाकन, चामला, गंभीर, लखुंदर, खान, बंगेरी, केडेल एवं तिलार आदि
- प्रवाह क्षेत्र : मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश से होजर प्रवाहित होने वाली अंतरराज्यीय नदी
- नदी पर निर्मित बांध :
- गांधी सागर बांध
- राणा प्रताप सागर बांध
- जवाहर सागर बांध
- कोटा बैराज
- ऐतिहासिक संदर्भ : महाभारत महाकाव्य में चर्मण्यवती के रूप में चंबल नदी का उल्लेख
- इसे राजा रंतिदेव द्वारा बलिदान किए गए हजारों पशुओं के रक्त से उत्पन्न मानी जाती है।
पार्वती नदी
- उद्गम : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के पास विंध्यांचल पर्वतमाला से
- नदी के उद्गम स्थल पर ही रामपुर नामक बांध है।
- विलय : चंबल की तीसरी सबसे बड़ी सहायक नदी के रूप में राजस्थान के कोटा जिले में
- जलग्रहण क्षेत्र : 15,861 वर्ग किमी
- सहायक नदियां : ल्हासी, अंधेरी, विलास, बरनी, बैंथली, चौपट आदि
- विशिष्टता : मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के बीच सीमा फका निर्माण
नेवज नदी
- उद्गम : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से
- विशिष्टता : परवन नदी की सहायक नदी
- परवन नदी, कालीसिंध नदी की दाहिनी तटवर्ती प्रमुख सहायक नदी है।
कालीसिंध नदी
- उद्गम: मध्य प्रदेश के देवास जिले के बागली गांव के पास से
- विलय : राजस्थान के कोटा जिले में चंबल नदी में
- विशिष्टता : चंबल की एक प्रमुख सहायक नदी
- जलग्रहण क्षेत्र : कालीसिंध उप-बेसिन का जलग्रहण क्षेत्र 24663 वर्ग किमी (चंबल बेसिन के कुल जलग्रहण क्षेत्र का 18.61%)
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