(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन) |
संदर्भ
केरल की थझाकरा ग्राम पंचायत (Thazhakara Panchayat) ने पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (PBR) या जन जैव विविधता रजिस्टर का द्वितीय खंड प्रकाशित किया है। थझाकरा स्थानीय समुदायों की भागीदारी से PBR को अद्यतन व प्रकाशित करने वाली अलप्पुझा की पहली ग्राम पंचायत बन गई है।
पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर
- जैव विविधता अधिनियम, 2002 के अनुसार, जैव विविधता प्रबंधन समिति (BMC) का एक मुख्य कार्य स्थानीय लोगों के परामर्श से जन जैव विविधता रजिस्टर तैयार करना है।
- इसमें आवासों का संरक्षण, भूमि प्रजातियों, लोक किस्मों व कृषि प्रथाओं, पालतू पशुओं और सूक्ष्म जीवों की नस्लों का संरक्षण तथा क्षेत्र की जैव विविधता से संबंधित ज्ञान के वृत्तांत सहित जैव विविधता का दस्तावेजीकरण किया जाता है।
- इस रजिस्टर में स्थानीय जैविक संसाधनों की उपलब्धता व ज्ञान, उनके औषधीय या अन्य उपयोग या उनसे संबद्ध किसी अन्य पारंपरिक ज्ञान के बारे में व्यापक जानकारी शामिल होती है।
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पी.बी.आर. (PBR) तैयार करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया
- ग्राम पंचायत स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समिति का गठन करना
- प्रक्रिया के उद्देश्यों एवं लाभों के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए एक बैठक का आयोजन करना
- जैव संसाधनों एवं स्वास्थ्य से संबंधित पारंपरिक ज्ञान पर आंकड़ों की पहचान करने एवं संग्रहण के लिए प्रशिक्षण देना।
- आंकड़ों का संग्रह
- आंकड़ों के संग्रह में जिलों के प्राकृतिक संसाधनों पर साहित्य की समीक्षा करना और ग्राम स्तर पर भागीदारी ग्रामीण मूल्यांकन (PRA) करना शामिल है।
- इसके अतिरिक्त घरेलू साक्षात्कार, गांव के नेताओं व जानकार व्यक्तियों; घरेलू मुखिया; पंचायत राज संस्थाओं व गैर-सरकारी संगठनों के प्रमुख व्यक्तियों के साथ व्यक्तिगत साक्षात्कार एवं प्रत्यक्ष क्षेत्र अवलोकन शामिल हैं।
- तकनीकी सहायता समूह एवं बी.एम.सी. के परामर्श से डाटा का विश्लेषण व सत्यापन।
- जन-जैव विविधता रजिस्टर (PBR) तैयार करना
- सूचना एवं संसाधनों का कम्प्यूटरीकरण
पी.बी.आर. का महत्त्व
- स्थानीय जैविक संसाधनों और उनके औषधीय या अन्य उपयोग से संबद्ध पारंपरिक ज्ञान की जानकारी का लाभ होना
- प्रजातियों के नाम और किसी विशिष्ट क्षेत्र में उनके वितरण के साथ-साथ यह लोगों के पारंपरिक ज्ञान व उनके अपने क्षेत्रों के जैविक विविधता संसाधनों की स्थिति, उपयोग, इतिहास, जारी परिवर्तनों और इन परिवर्तनों को प्रेरित करने वाले कारकों को रिकॉर्ड करने वाला डाटा बेस प्रदान करना
- जैव विविधता के वर्तमान उपयोग पैटर्न और स्थानीय समुदायों को इसके आर्थिक लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त होना
- विकेन्द्रीकृत तरीके से जैव विविधता के सतत उपयोग के लिए आवश्यक भविष्य की प्रबंधन रणनीतियों के लिए आधारभूत डाटा का स्रोत के रूप में
- जैव विविधता संसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों और उनके उपयोग के ज्ञान को समान रूप से साझा करने में सहायक होना
क्या आप जानते हैं?
- केरल सभी स्थानीय निकायों में पीपुल्स जैव विविधता रजिस्टर का पहला खंड प्रकाशित करने वाला देश का पहला राज्य है।
- थझाकारा के अलावा केरल की तीन अन्य ग्राम पंचायतें- कोझिकोड की मारुथोनकारा एवं कडालुंडी और त्रिशूर की श्रीनारायणपुरम ने पी.बी.आर. को अद्यतन किया है।
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