चर्चा में क्यों
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र ने उइगरों और अन्य जातीय समूहों पर कार्रवाई की जांच करने वाली अपनी एक रिपोर्ट में चीन पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है, जो ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ हो सकता है।
प्रमुख बिंदु
- संयुक्त राष्ट्र ने चीन पर उइगर एवं अन्य अल्पसंख्यक समूहों के दस लाख या उससे अधिक लोगों को हिरासत शिविरों में रखने का आरोप लगाया है, जहां उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी भाषा व धर्म को छोड़ने के लिये मजबूर किया जा रहा है।
- सुदूर पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में स्थापित शिविरों में जन्म नियंत्रण की कठोर नीतियां लागू करने और लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध को अधिकार संगठनों ने चरमपंथ के एक क्रूर अभियान के रूप में संदर्भित किया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपनी आतंकवाद रोधी और चरमपंथ रोधी नीतियों के तहत गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है जिस पर ‘तत्काल ध्यान’ देने की आवश्यकता है।
- मानवाधिकार समूहों ने आरोपों की जाँच के लिये एक स्वतंत्र निकाय स्थापित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया है।
- हालाँकि, चीन ने इसे अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का राजनीतिक उपकरण कहा है।
- पूर्व में भी इनकी सामूहिक नसबंदी करने, दूसरे समुदायों में उनका जबरन विवाह कराने का भी आरोप लग चुका है।
उइगर मुस्लिम
- उइगर मुख्यत: मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति मध्य एवं पूर्वी एशिया से मानी जाती है।
- इनको चीन में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 55 जातीय अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है।
- हालाँकि, चीन उइगर मुस्लिमों को केवल एक क्षेत्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देता है और उनको स्वदेशी समूह नहीं मानता है।
- इनकी भाषा तुर्की भाषा से काफी समानता रखती है और सांस्कृतिक एवं जातीय रूप से भी ये मध्य एशियाई देशों से निकटता रखते हैं।
- उइगर जातीय समुदाय की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग प्रांत में निवास करती है। साथ ही, ये मध्य एशियाई देशों, जैसे- उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और कज़ाखस्तान में भी पाए जाते हैं।
- खनिज समृद्ध शिनजियांग क्षेत्र चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है, जो भारत, पाकिस्तान, रूस तथा अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ सीमा साझा करता है।