New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

पेसा अधिनियम 

(प्रारंभिक परीक्षा- पंचायती राज, अधिकारों संबंधी मुद्दे) 
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ  

हाल ही में, एक राजनितिक दल ने गुजरात के छोटा उदेपुर जिले में आदिवासियों के लिये छह सूत्री ‘गारंटी’ की घोषणा की है, जिसमें पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम का सख्त कार्यान्वयन भी शामिल है। इसके अलावा, आदिवासियों के लिये काम करने वाले संगठन ‘वनवासी कल्याण आश्रम’ ने राज्यों से इस अधिनियम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। विदित है कि संविधान ने आदिवासी क्षेत्रों के संबंध में राज्यपालों को विशेष अधिकार दिये हैं ताकि समुदाय अपने अधिकारों से वंचित न हों। 

पृष्ठभूमि 

  • वर्ष 1995 में ‘भूरिया समिति’ की रिपोर्ट के आधार पर संसद ने पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 को 10 राज्यों में अधिसूचित अनुसूची-V के क्षेत्रों में कतिपय छूट के साथ संविधान के भाग-IX को विस्तार देने के लिये लागू किया। 
  • पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम को पेसा अधिनियम (PESA Act) भी कहते हैं।
  • ये राज्य- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना हैं। राज्यों में पेसा के प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिये पंचायती राज मंत्रालय नोडल मंत्रालय है। 
  • वर्तमान में छह राज्य, यथा- आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना पेसा नियमों को अधिसूचित कर चुके हैं, जबकि शेष चार राज्य (छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा) जल्द ही पेसा नियम बनाकर उन्हें लागू करेंगे। 

पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 

  • 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से देश में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया। हालाँकि, इसमें अनुसूचित क्षेत्रों और विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दिया गया था। 
  • इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये संविधान के भाग-IX के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में विशिष्ट पंचायत व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 को 24 दिसंबर, 1996 को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया। यह जनजातीय लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप पंचायतों को विशिष्ट शक्तियाँ प्रदान करता है। 
  • ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDPs) को तैयार करते समय पंचायती राज और जनजातीय मामलों के मंत्रालय को जनजातीय समुदाय की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए आदिवासी समुदाय के विकास के लिये एक नए मॉडल की आवश्यकता है। वन संपदा के समुचित दोहन से भी आदिवासी वर्ग का सशक्तीकरण किया जा सकता है। 
  • पेसा अधिनियम के तहत, अनुसूचित क्षेत्र वे हैं जिनका उल्लेख अनुच्छेद 244(1) में किया गया है, जिसके अनुसार पाँचवीं अनुसूची के प्रावधान असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के अलावा अन्य राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों एवं अनुसूचित जनजातियों पर लागू होंगे। 
  • यह अधिनियम ग्राम सभाओं को विकास योजनाओं को अनुमोदित करने और सभी सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है। इसमें निम्नलिखित प्रक्रियाएँ और कार्मिक शामिल हैं- 
  • नीतियों को लागू करने वाले
  • लघु (गैर-लकड़ी) वन संसाधनों, लघु जल निकायों तथा लघु खनिजों पर नियंत्रण रखने वाले
  • स्थानीय बाजारों का प्रबंधन करने वाले
  • भूमि के अलगाव को रोकने वाले और अन्य वस्तुओं के साथ नशीले पदार्थों को नियंत्रित करने वाले। 

पेसा अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ 

  • यह अधिनियम संविधान के भाग- IX में पंचायत से जुड़े प्रावधानों को कुछ संशोधनों के साथ अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करता है। यह अधिनियम जनजातीय समुदायों को स्वशासन का अधिकार प्रदान करता है। 
  • इसका उद्देश्य सहयोगी लोकतंत्र के माध्यम से ग्राम प्रशासन स्थापित करना और ग्राम सभा को सभी विकास गतिविधियों का केंद्र बनाना है। इस अधिनियम में ग्राम सभा द्वारा जनजातीय समुदाय की परंपराओं व उनकी प्रथाओं तथा सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ सामुदायिक संसाधनों और विवाद समाधान के प्रथागत तरीकों की सुरक्षा एवं संरक्षण का भी प्रावधान है। 
  • साथ ही, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये योजनाओं, कार्यक्रमों व परियोजनाओं को मंज़ूरी देना तथा गरीबी उन्मूलन एवं अन्य कार्यक्रमों के तहत लाभार्थियों की पहचान करने का कार्य भी ग्राम सभा का है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR