चर्चा में क्यों
शोधकर्ताओं ने केरल के कासरगोड के जंगलों में बायोल्यूमिनसेंट (Bioluminescent) मशरूम की एक दुर्लभ प्रजाति ‘फिलोबोलेटस मैनिपुलरिस’ की खोज की है।
फिलोबोलेटस मैनिपुलरिस की विशेषताएँ
प्रकाश उत्सर्जक के रूप में
- मशरूम की यह प्रजाति रात के अंधेरे में जैव रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से हरे रंग का प्रकाश उत्सर्जित करने में सक्षम हैं।
- फिलोबोलेटस मैनिपुलरिस में चमक ल्यूसिफेरिन (एक वर्णक) और ल्यूसिफेरेज़ (एक एंजाइम) से जुड़ी एक रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण है, जिसमें ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अनुकूल दशाएँ
- बायोल्यूमिनसेंट कवक मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय, आर्द्र वातावरण में पनपते हैं और सामान्यत: घने जंगलों में पाए जाते हैं।
- घने जंगलों में जैव-कार्बनिक समृद्ध एवं नम वातावरण उनके विकास और विशिष्ट चमक के लिए आवश्यक पोषक तत्व और परिस्थितियाँ प्रदान करता है।
महत्त्व
- कवक में बायोल्यूमिनसेंट तंत्र का कीटों को आकर्षित करने के लिए विशेष महत्त्व है, जो इसके बीजाणुओं को फैलाने में मदद करते हैं।
- ये बायोल्यूमिनसेंट जीव कार्बनिक पदार्थों को तोड़कर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करते हैं।
- कई जंगली मशरूम में विषाक्त होते हैं। जो रसायन उन्हें चमकाते हैं वे जहरीले हो सकते हैं, जिससे गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं।