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पीलीभीत टाइगर रिज़र्व

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (उत्तर प्रदेश) को विगत चार वर्षों में बाघों की संख्या को दोगुना करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार ‘TX2’ के लिये नामित किया गया।
  • TX2 अवॉर्ड ऐसे वन क्षेत्र या अभयारण्य या रिज़र्व को दिया जाता है, जहाँ वर्ष 2010 के बाद से बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई हो।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व

  • उत्तर प्रदेश में स्थित यह टाइगर रिज़र्व, तराई पारिस्थितिक तंत्र के विविध और उत्पादक क्षेत्र का बेहतरीन उदाहरण है।
  • यह टाइगर रिज़र्व उत्तर में भारत-नेपाल सीमा तथा दक्षिण में शारदा व खकरा नदियों से घिरा हुआ है।
  • यहाँ 127 से अधिक जानवर, 326 पक्षियों की प्रजातियाँ और 2,100 किस्म के फूलों वाले पौधे पाए जाते हैं।
  • जंगली जानवरों में बाघ, दलदलीय हिरण (swamp deer), बंगाल फ्लोरिकन, हॉग हिरण (Hog Deer), तेंदुआ आदि प्रमुख हैं।

TX2 लक्ष्य

  • TX2 लक्ष्य मुख्यतः वर्ष 2022 तक विश्व में जंगली बाघों को दोगुना करने की वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
  • यह लक्ष्य, वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फ़ॉर नेचर (WWF) द्वारा ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव, ग्लोबल टाइगर फोरम और अन्य महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्मों के माध्यम से निर्धारित किया गया है।
  • आई.यू.सी.एन. की रेड लिस्ट में बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस) लुप्तप्राय या संकटापन्न (Endangered) की श्रेणी में रखे गए हैं जबकि साइट्स (CITES) में ये परिशिष्ट-I के तहत सूचीबद्ध हैं।
  • इन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की 'अनुसूची-I' के तहत भी सूचीबद्ध किया गया है।
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