फ्रांस अपनी रक्षा खरीद के हिस्से के रूप में भारत की पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) प्रणाली पर विचार कर रहा है। हालाँकि, इससे पहले भारत ने आर्मेनिया को पिनाका रॉकेट प्रणाली का निर्यात किया है और कई देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं।
पिनाका रॉकेट प्रणाली के बारे में
- क्या है : पिनाका एक बहुउद्देश्यीय तोपखाना प्रणाली है जो सभी मौसम की स्थिति में और विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों पर भारी मात्रा में हमला करने में सक्षम है।
- विकास व उत्पादन : पिनाका एम.बी.आर.एल. को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है और उत्पादन सोलर इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टूब्रो, टाटा व ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कंपनियों सहित एजेंसियों द्वारा किया गया है।
- यह भारत के रक्षा क्षेत्र में पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी है।
- पिनाका एम.बी.आर.एल. में भारत में डिजाइन एवं विकसित स्वदेशी महत्वपूर्ण उप-प्रणालियां सर्वो सिस्टम और फायर कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं।
मुख्य विशेषताएं और प्रदर्शन
- शूट एवं स्कूट क्षमता : यह प्रणाली फायरिंग के बाद शीघ्रता से एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित हो सकती है, जिससे इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है।
- इसमें त्वरित तैनाती व पुनःस्थापन (Restoration) के लिए स्वचालित लेवलिंग एवं स्थिरीकरण (Automatic Leveling and Stabilization) की क्षमता है।
- साल्वो फायरिंग : 44 सेकंड में 12 रॉकेटों की एक सैल्वो लॉन्च कर सकता है जो उच्च प्रभाव वाली स्ट्राइक क्षमता प्रदान करता है।
- मारक क्षमता : यह रॉकेट सिस्टम अपने कई वैरिएंट के साथ 75 किमी. और उससे भी आगे के लक्ष्यों को भेद सकता है।
- स्थिति सटीकता : अजीमुथ (AZ) एवं एलिवेशन (EL) दोनों के लिए एक मिलीरेडियन सटीकता व सटीक लक्ष्यीकरण सुनिश्चित करती है।
- तीव्र प्रोग्रामिंग : यह प्रणाली तीव्र परिचालन तत्परता के लिए सभी 12 रॉकेटों को अधिकतम 20 सेकंड में प्रोग्राम कर सकती है।
- जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (INS) : लांचर की सटीक एवं तीव्र स्थापना के लिए ऑनबोर्ड प्रणाली सटीक लक्ष्य निर्धारण सुनिश्चित करती है।
- प्रथम प्रयोग : कारगिल युद्ध के दौरान
- इसने पहाड़ की चोटियों पर पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया था।