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पिंक कोकीन

संदर्भ

  • पिंक कोकीन को लैटिन अमेरिक, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम सहित यूरोपीय देशों में ड्रग से संबंधित मौतों की बढ़ती संख्या से जोड़ा गया है। 
  • इसकी अप्रत्याशित संरचना व हानिकारक स्वास्थ्य जोखिमों के कारण यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।

क्या है पिंक कोकीन

पिंक कोकीन, एक सिंथेटिक ड्रग का प्रचलित नाम है, जिसमें MDMA (Methyl​enedioxy​methamphetamine), केटामाइन (Ketamine)और 2C-B सहित अन्य पदार्थों का मिश्रण होता है।

अन्य नाम: 

कोकेना रोसाडा (Cocaina rosada), टुसी (Tuci), वीनस (Venus) और इरोस (Eros)।

विशेषताएँ:

  • पिंक कोकीन सामान्यत: पाउडर या गोली के रूप में होता है, जो अपने गुलाबी चटक रंग के कारण प्रसिद्ध है। 
  • इसमें खाद्य रंग और कभी-कभी स्ट्रॉबेरी या अन्य स्वादों का उपयोग किया जाता है। 
    • ऐसा इसे दिखने में आकर्षक और स्वादिष्ट बनाने के लिए किया गया है। 

इतिहास : 

  • सर्वप्रथम वर्ष 1974 में अमेरिकी जैव रसायनज्ञ अलेक्जेंडर शुल्गिन ने पिंक कोकीन को संश्लेषित किया था। 
    • हालांकि इसका आधुनिक संस्करण वर्ष 2010 के आसपास कोलंबिया में देखा गया।
  • MDMA : MDMA, जिसे आम तौर पर एक्स्टसी (Ecstasy) के नाम से जाना जाता है, एक उत्तेजक पदार्थ है जिसमें मादक (Psychedelics) गुण होते हैं। 
    • साइकेडेलिक्स (जिन्हें हेलुसीनोजेन्स-Hallucinogens के नाम से भी जाना जाता है) मनो-सक्रिय पदार्थों का एक वर्ग है जो धारणा, मनोदशा और संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं में परिवर्तन उत्पन्न करते हैं। 
    • साइकेडेलिक्स सभी इंद्रियों को प्रभावित करते हैं। ये व्यक्ति की सोच, समय की समझ और भावनाओं को बदल देते हैं।
  • केटामाइन : केटामाइन एक शक्तिशाली मूर्छा (Anaesthetic) उत्पन्न करने वाला पदार्थ  है जिसके निद्रा या बेहोशी (Sedative) और मतिभ्रमकारी (Hallucinogenic) प्रभाव होते हैं।
  • 2C-B: 2C-B को  नेक्सस (Nexus) के नाम से भी जाना जाता है। यह  2C परिवार की एक सिंथेटिक साइकेडेलिक दवा है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से मादक पदार्थ के रूप में किया जाता है।
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