प्रारंभिक परीक्षा – फ़िल्म सामग्री की चोरी (Piracy of film content) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ( MIB) ने फिल्म सामग्री चोरी से निपटने के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया।
प्रमुख बिंदु
- इस कदम का उद्देश्य इंटरनेट द्वारा बढ़ती पायरेसी की समस्या पर अंकुश लगाना है।
- केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने बारह अधिकारियों को पायरेसी के खिलाफ शिकायतें प्राप्त करने और बिचौलियों को वेबसाइट, ऐप तथा लिंक सहित डिजिटल प्लेटफार्मों से पायरेटेड सामग्री को हटाने का निर्देश देने के लिए नामित किया।
- इस कदम से इंटरनेट के प्रसार के कारण बढ़ी चोरी को रोकने में मदद मिलेगी।
- इससे कंटेंट क्रिएटर्स को भी मदद मिलेगी क्योंकि पाइरेसी के कारण फिल्म इंडस्ट्री को बीस हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है ।
- पायरेटेड सामग्री वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म को नोडल अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने के बाद 48 घंटे की अवधि के भीतर इंटरनेट लिंक हटाना होगा।
- संसद ने इस साल मानसून सत्र के दौरान सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) अधिनियम 1952 पारित किया था।
- संशोधन में न्यूनतम तीन महीने की कैद और तीन लाख रुपये के जुर्माने की सख्त सजा शामिल है जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और ऑडिटेड सकल उत्पादन लागत के पांच प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- संसद ने इस साल मानसून सत्र के दौरान सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) अधिनियम 1950 पारित किया था।
- पायरेटेड सामग्री वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म को नोडल अधिकारियों से निर्देश प्राप्त होने के बाद 48 घंटे की अवधि के भीतर इंटरनेट लिंक हटाना होगा।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: (b)
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स्रोत: NEWSONAIR