प्रारंभिक परीक्षा- प्राकृतिक रबर क्षेत्र का सतत और समावेशी विकास योजना, रबर बोर्ड, राष्ट्रीय रबर प्रशिक्षण संस्थान मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों-
'प्राकृतिक रबर क्षेत्र का सतत और समावेशी विकास' योजना के तहत रबर क्षेत्र के विकास के लिए वित्तीय सहायता अगले दो वित्तीय वर्षों (वर्ष, 2024-25 और वर्ष, 2025-26) में 576.41 करोड़ रुपये से 23 प्रतिशत बढ़ाकर 708.69 करोड़ रुपये कर दी गई है।
मुख्य बिंदु-
- इसका उद्देश्य प्राकृतिक रबर के उत्पादन को बढ़ावा देना है।
- यह योजना रबर बोर्ड के माध्यम से क्रियान्वित की जाती है।
- यह योजना रबर उत्पादकों के सशक्तिकरण के लिए रबर के छोटे धारकों जैसे ‘रबर उत्पादक सोसायटी’ के मंचों को बढ़ावा देती है।
- रबर उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा केरल उत्पादित करता है।
- वित्तीय वर्ष, 2022-23 में लगभग 8.39 लाख टन उत्पादन हुआ, जबकि खपत 13.5 लाख टन थी।
- अतिरिक्त रबर को वियतनाम, मलेशिया और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आयातित किया गया।
आवंटित धनराशि का उपयोग-
- आवंटित अतिरिक्त धनराशि का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा;
- रबर के रोपण
- रोपण सामग्री के उत्पादन
- उत्पादकता बढ़ाने
- रबर उत्पादक समितियों के गठन
- रबर अनुसंधान और प्रशिक्षण
पारंपरिक क्षेत्र-
- वित्तीय वर्ष, 2024-25 और वित्तीय वर्ष, 2025-26 के दौरान पारंपरिक क्षेत्रों में 43.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 12,000 हेक्टेयर में रबर की रोपाई की जाएगी।
- सहायता की दर पहले के ₹25,000 प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर ₹40,000 प्रति हेक्टेयर कर दी गई है।
- इससे उत्पादन की बढ़ी हुई लागत को कवर करने में मदद मिलेगी।
- उत्पादकों को रबर लगाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिलेगा।
गैर-पारंपरिक क्षेत्र-
- गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष, 2024-25 और वित्तीय वर्ष, 2025-26 के दौरान ₹18.76 करोड़ के परिव्यय के साथ लगभग 3,752 हेक्टेयर क्षेत्र को रबर की खेती के तहत लाया जाएगा।
- रबर बोर्ड द्वारा 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मूल्य की रोपण सामग्री की आपूर्ति की जाएगी।
- गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के उत्पादकों के लिए 2,00,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से रोपण सहायता प्रदान की जाएगी।
- यह उत्तर पूर्व में ‘इनरोड परियोजना’ के तहत वृक्षारोपण के लिए दिए जा रहे वित्त के अतिरिक्त होगा।
- अच्छी गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री (नया घटक) के उत्पादन के लिए गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में रबर बोर्ड द्वारा प्रायोजित नर्सरी को बढ़ावा दिया जाएगा।
रबर अनुसंधान-
- रबर अनुसंधान पर अगले दो वित्तीय वर्षों (वर्ष, 2024-26) में ₹29 करोड़ परिव्यय किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए उपयुक्त रबर क्लोन विकसित करना है।
- रबर क्लोन के विकास से नए क्षेत्रों में रबर की खेती का विस्तार किया जा सकेगा।
रबर उत्पादक सोसायटी (Rubber Producers Societies -RPS)-
- अगले दो वित्तीय वर्षों में लगभग 250 नए RPS के गठन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- सहायता का राशि 3000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दी गई है।
- इससे हितधारकों को किसान शिक्षा, सेमिनार, समूह बैठकें, क्षमता निर्माण गतिविधियों, एक्सपोजर विजिट, मॉडल फार्म और अन्य गतिविधियों को आयोजित करने में मदद मिलेगी।
- गैर-पारंपरिक और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 1450 किसान समूहों का गठन किया जाएगा।
- 55 RPS को लेटेक्स संग्रह और DRC परीक्षण उपकरण के लिए प्रति RPS 40,000 रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
- मशीन, स्प्रेयर/डस्टर खरीदने के लिए RPS को सहायता दी जाएगी।
- 180 RPS को प्रति RPS 30,000 रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
समूह प्रसंस्करण केंद्र ( Group Processing Centre- GPC)-
- रबर शीट की गुणवत्ता और मानकीकरण सुनिश्चित करने के लिए GPC की स्थापना की जाएगी।
- पूर्वोत्तर और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में 18 GPC का निर्माण किया जाएगा।
- पारंपरिक क्षेत्रों में 10 GPC का निर्माण किया जाएगा।
- GPC का निम्नलिखित कार्यों के द्वारा आधुनिकीकरण किया जायगा;
- टनल स्मोक हाउस की स्थापना
- भट्टी का नवीनीकरण
- बायोगैस प्लांट की ओवरहालिंग
- ट्रॉली रैक
- प्रेशर वॉशर
- टेट्रा पैन
- सोलर ड्रिपिंग सुविधा
रबर बोर्ड का डिजिटलीकरण-
- रबर बोर्ड के डिजिटलीकरण के लिए 8.91 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।
- रबर उत्पादकों को सेवा वितरण में सुधार लाने के उद्देश्य से रबर बोर्ड अपने डिजिटलीकरण प्रयासों को तेज करेगा।
- रबर बोर्ड अपने मोबाइल आधारित ऐप्स के माध्यम से तेज और त्वरित सेवाएं प्रदान करेगा।
- यह जियो-टैगिंग आदि के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा।
रबर बोर्ड
- रबर बोर्ड एक वैधानिक संगठन है, जिसे रबर अधिनियम, 1947 की धारा (4) के तहत गठित किया गया है।
- यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
- इसके अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
- इसका मुख्यालय केरल के कोट्टायम में स्थित है।
- बोर्ड का प्रमुख कार्य अनुसंधान, विकास, विस्तार और प्रशिक्षण गतिविधियों की सहायता और प्रोत्साहन कर रबर उद्योग का विकास करना है।
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राष्ट्रीय रबर प्रशिक्षण संस्थान (National Institute of Rubber training -NIRT)-
- अगरतला, गुवाहाटी और नगालैंड में NIRT के तीन नोडल केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
- इसके लिए 5.25 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित गई है।
- NIRT मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर में MSME को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रीय रबर प्रशिक्षण संस्थान (NIRT)
- रबर क्षेत्र के सभी हितधारकों के प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए वर्ष, 1994 में एक ‘विशेष प्रशिक्षण विभाग’ की स्थापना की गई।
- वर्ष, 2000 में पूर्ण बुनियादी ढांचे के साथ ‘रबर प्रशिक्षण केंद्र’ की स्थापना की गई।
- वर्ष, 2010 में रबर प्रशिक्षण केंद्र को ‘रबर प्रशिक्षण संस्थान’ का दर्जा दिया गया।
- वर्ष, 2021 में रबर प्रशिक्षण संस्थान नाम बदलकर ‘ष्ट्रीय रबर प्रशिक्षण संस्थान’ (NIRT) कर दिया गया।
- इसका मुख्यालय केरल के कोट्टायम में है।
- NIRT अधिदेश के अनुसार इसके कार्य हैं;
- रबर उत्पादन, प्रसंस्करण, उत्पाद निर्माण, विपणन और उपभोग क्षेत्रों सहित रबर उद्योग के सभी क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना
- पर्याप्त कौशल विकसित करके मानव संसाधन का विकास करना।
- प्रत्येक क्षेत्र की स्थिरता के लिए तकनीकी ज्ञान को अद्यतन करना।
- NIRT को ISO: 9001-2015 प्रमाण पत्र मिला है।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- राष्ट्रीय रबर प्रशिक्षण संस्थान के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसका मुख्यालय असम के गुवाहाटी में है।
- इसे ISO: 9001-2015 प्रमाण पत्र मिला है।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- 'प्राकृतिक रबर क्षेत्र का सतत और समावेशी विकास' योजना के तहत रबर क्षेत्र के विकास के लिए वित्तीय सहायता अगले दो वित्तीय वर्षों (वर्ष, 2024-25 और वर्ष, 2025-26) में किस प्रकार पारंपरिक तथा गैर-पारंपरिक क्षेत्र में रबर उत्पादन को बढ़ावा देगा? विवेचना कीजिए।
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