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प्लैनिटेरी परेड

प्रारंभिक परीक्षा 

(राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: अंतरिक्ष)

संदर्भ 

वैज्ञानिकों के अनुसार, जनवरी 2025 में एक दुर्लभ प्लैनिटेरी परेड (ग्रहों की परेड) की घटना होगी।

प्लैनिटेरी परेड के बारे में 

  • प्लैनिटेरी परेड एक दुर्लभ खगोलीय घटना को संदर्भित करती है जिसमें हमारे सौर मंडल में कई ग्रह (सामान्यतः चार या उससे अधिक) सूर्य के एक ही तरफ संरेखित होते हैं। इससे एक आकर्षक दृश्य का निर्माण होता है। 
  • परेड के दौरान रात्रि के समय आकाश में कई ग्रहों को एक पंक्ति में देखा जा सकता है। ग्रह या तो एक ही क्षेत्र में होते हैं या एक-दूसरे के अपेक्षाकृत निकट होते हैं।

प्लैनिटेरी परेड की मुख्य विशेषताएं

  • संरेखण (Alignment) : यद्यपि ‘संरेखण’ का अर्थ पूर्ण व सटीक स्थिति का होना नहीं है किंतु प्लैनिटेरी परेड के दौरान ग्रह आकाश में एक साथ समूहबद्ध दिखाई देते हैं, जो आमतौर पर क्षितिज के एक महत्वपूर्ण हिस्से में फैले होते हैं।
  • दृश्यता (Visibility) : इसमें शामिल कुछ ग्रहों को नग्न आंखों से देखा जा सकता है और दिखाई देने वाले विशिष्ट ग्रह देखने के समय तथा स्थान पर निर्भर करेंगे।
  • घटना का समय (Time of Incident) : प्लैनिटेरी परेड कोई दैनिक घटना नहीं है। आमतौर पर यह कुछ दशकों के अंतराल में घटित होती है जो ग्रहों की सापेक्ष स्थिति और उनकी कक्षाओं पर निर्भर करती है।

प्लैनिटेरी परेड को प्रभावित करने वाले कारक

  • कक्षीय स्थितियाँ (Orbital Positions) : हमारे सौर मंडल में ग्रह अलग-अलग अवधि के साथ अण्डाकार कक्षाओं का अनुसरण करते हैं। बाह्य ग्रहों (बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून) की तुलना में आंतरिक ग्रह (बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल) तेजी से गतिमान होते हैं और इस प्रकार, समय के साथ एक-दूसरे के सापेक्ष उनकी स्थितियाँ बदलती रहती हैं।
  • क्रांतिवृत्त तल (Ecliptic Plane) : सभी ग्रह आकाश में एक संकीर्ण पट्टी के भीतर परिक्रमा करते हैं, जिसे ‘क्रांतिवृत्त तल’ कहते हैं। इससे ग्रहों की परेड इस तल पर होने की अधिक संभावना होती है।
  • दृश्यता की स्थिति (Visibility Conditions) : प्लैनिटेरी परेड हमेशा दिखाई नहीं देते है क्योंकि कई बार ग्रह सूर्य के बहुत निकट स्थित हो सकते हैं (और इसलिए सूर्य के प्रकाश से अस्पष्ट या अदृश्य हो सकते हैं) या पृथ्वी से बहुत दूर हो सकते हैं, जिससे उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता।

जनवरी 2025 में होने वाले प्लैनिटेरी परेड के बारे में

  • जनवरी 2025 में हमारे सौर मंडल के छह ग्रह एक पंक्ति में होंगे और रात्रि के आकाश में दिखाई देंगे। इनके नाम इस प्रकार हैं- 
    1. शुक्र
    2. मंगल 
    3. बृहस्पति
    4. शनि 
    5. यूरेनस
    6. नेपच्यून
  • सातवां ग्रह बुध भी कुछ ही समय बाद इस पंक्ति में शामिल हो जाएगा। इस प्रकार, यह एक उल्लेखनीय खगोलीय घटना बन जाएगी।
  • नग्न आंखों से दिखाई देने वाले ग्रह : शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि को नग्न आंखों से (दूरबीन की आवश्यकता के बिना) आसानी से देखा जा सकेगा।
  • दूरबीन की आवश्यकता वाले ग्रह : यूरेनस एवं नेपच्यून को स्पष्ट रूप से देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता होगी क्योंकि वे पृथ्वी से अधिक दूर व मंद प्रकाश वाले हैं।
  • सर्वोत्तम दृश्य अवधि : 21 जनवरी, 2025 से 21 फ़रवरी, 2025 तक
    • हालाँकि, ग्रह इस अवधि से पहले और बाद में भी कुछ समय के लिए दिखाई देंगे। सबसे अच्छी दृश्यता नव चंद्रमा या अमावस्या (29 जनवरी, 2025) के आस-पास होगी।
  • भौगोलिक स्थान : प्लैनिटेरी परेड की यह घटना उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया एवं दुनिया के अन्य हिस्सों में देखी जा सकेगी।

प्रसिद्ध प्लैनिटेरी परेड

  • ग्रेट प्लैनिटेरी परेड (2004) : सबसे हाल ही में घटित प्रमुख ग्रह संरेखणों में से एक दिसंबर 2004 में हुआ था। इस संरेखण में पांच ग्रह थे- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति एवं शनि।
  • वर्ष 2011 का संरेखण : एक अन्य प्लैनिटेरी परेड में शुक्र, बृहस्पति एवं बुध ग्रह शामिल थे, जो नंगी आंखों से दिखाई दे रहे थे।
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