देश भर के 194 जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) के अधिवास एवं पी.वी.टी.जी. परिवारों तक पहुंचने के उद्देश्य से केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 23 अगस्त, 2024 से 10 सितंबर, 2024 तक ‘पीएम-जनमन’ के लिए एक राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा व संचार (IEC) अभियान और लाभार्थी शिविर आयोजित कर रहा है।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन)
- इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री ने झारखंड के खूंटी जिले से जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर, 2023) के दौरान की थी।
- पीएम-जनमन मिशन अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (DAPST) के तहत वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक 24,104 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ 9 प्रमुख संबद्ध मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है।
- पी.वी.टी.जी. के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए इन हस्तक्षेपों में शामिल हैं :जैसे आधार में नामांकन, सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी करना, पीएम-जनधन योजना, पीएम गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकारों के लंबित मामलों का समाधान आदि।
- इस अभियान का उद्देश्य पी.वी.टी.जी. (PVTG) परिवारों को प्रमुख व्यक्तिगत अधिकारों से संपन्न करना और पी.वी.टी.जी. अधिवासों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए पीएम-जनमन हस्तक्षेपों के बारे में जानकारी का प्रसार करना है, ताकि इन आदिवासी समुदायों को केंद्र एवं राज्य की योजनाओं व उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके।
पीएम-जनमन के लिए एक राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा व संचार (IEC) अभियान
- इस पहल में हर पी.वी.टी.जी. परिवार को शामिल किया जाएगा जो दूरी, सड़क एवं डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण पहुंच से वंचित रह गया है।
- इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वनधन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा।
- इसके अलावा, इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मायभारत स्वयंसेवकों, नेहरू युवक केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एन.एस.एस. (NSS), एन.सी.सी. (NCC), एस.एच.जी./एफ.पी.ओ. और अन्य ऐसे निकायों की सक्रिय भागीदारी की भी मांग की जा रही है।