प्रारंभिक परीक्षा के लिए - पीएम-मित्र योजना मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ |
सन्दर्भ
- हाल ही में घोषित, विदेश व्यापार नीति 2023 के अंतर्गत, प्रधानमंत्री-मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र) योजना को पूंजीगत वस्तु निर्यात संवर्धन (EPCG) योजना के तहत लाभ का दावा करने के लिए पात्र अतिरिक्त योजना के रूप में जोड़ा गया है।
- EPCG योजना, निर्यात उत्पादन के लिए शून्य सीमा शुल्क पर पूंजीगत वस्तुओं के आयात की अनुमति देती है।
प्रधानमंत्री-मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र) योजना
- प्रधानमंत्री-मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क योजना को 2021 में शुरू किया गया था।
- कपड़ा मंत्रालय इस योजना के लिए नोडल मंत्रालय हैं।
- पीएम-मित्र योजना का लक्ष्य भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने के दृष्टिकोण को साकार करना है।
उद्देश्य -
- वस्त्र उद्योग में निवेश को आकर्षित करना।
- लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना तथा भारतीय वस्त्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढावा देना।
- वस्त्र उद्योग में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।
- यह योजना 5F विज़न - खेत (Farm) से रेशे (Fibre) से कारखाने (Factory) से फैशन (Fashion) से विदेशी (Foreign) पर आधारित है।
प्रमुख विशेषताएं
- इस योजना के अंतर्गत एकीकृत वस्त्र मूल्य श्रृंखला की स्थापना की जाएगी।
- योजना के अंतर्गत विभिन्न राज्यों में स्थित ग्रीनफील्ड या ब्राउनफील्ड साइटों पर सात मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क स्थापित किए जाएंगे।
- इसमें एक इन्क्यूबेशन सेंटर और प्लग एंड प्ले सुविधा, विकसित फैक्ट्री साइट्स, सड़कें, बिजली, पानी और अपशिष्ट जल प्रणाली, कॉमन प्रोसेसिंग हाउस और सीईटीपी और अन्य संबंधित सुविधाएं जैसे डिजाइन सेंटर, परीक्षण केंद्र आदि शामिल होंगे।
- इन पार्कों में श्रमिकों के आवास, लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउसिंग, चिकित्सा, प्रशिक्षण और कौशल विकास सुविधाएं जैसी बुनियादी सुविधाएं भी होंगी।
- इन पार्कों को उन स्थलों पर स्थापित करने की परिकल्पना की गई है, जहां टैक्सटाइल उद्योग के विकसित होने के लिए अंतर्निहित क्षमता मौजूद है और सफलता के लिए आवश्यक लिंकेज उपलब्ध हैं।
- योजना के अंतर्गत पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के लिए इच्छुक राज्य सरकारों के पास 1000+ एकड़ संस्पर्शी और बाधारहित भू-खंडों की उपलब्धता होनी चाहिए।
- ग्रीनफील्ड पीएम मित्र पार्क के लिए भारत सरकार विकास पूंजी सहायता परियोजना लागत का 30 प्रतिशत प्रदान करेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 500 करोड़ रुपये होगी।
- ब्राउनफील्ड स्थलों के लिए मूल्यांकन के बाद विकास पूंजी सहायता शेष बकाया बुनियादी ढांचे की परियोजना लागत की 30 प्रतिशत होगी तथा अन्य सहायक सुविधाएं विकसित की जाएगी, जो 200 करोड़ रुपये की सीमा तक होगी।
- प्रत्येक पीएम मित्र पार्क में टैक्सटाइल विनिर्माण इकाइयों इकाइयों की शीघ्र स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रोत्साहन सहायता (सीआईएस) भी प्रदान की जाएगी।
- पीएम मित्र पार्क, विशेष प्रयोजन वाहन द्वारा विकसित किया जाएगा, जिसका स्वामित्व राज्य सरकार और केंद्र सरकार के पास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में होगा।
- योजना के तहत मास्टर डेवलपर न केवल औद्योगिक पार्क का विकास करेगा बल्कि उसे रियायत अवधि के दौरान इसका रखरखाव भी करना होगा, मास्टर डेवलपर का चयन राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर किया जाएगा।
- राज्य सरकार के स्वामित्व वाला विशेष प्रयोजन वाहन(एसपीवी) विकसित औद्योगिक स्थलों से पट्टे के किराये का हिस्सा प्राप्त करने का हकदार होगा और वह पीएम मित्र पार्क का विस्तार करके, कौशल विकास पहल और कामगारों के लिए अन्य कल्याणकारी उपायों को उपलब्ध कराके क्षेत्र में टैक्सटाइल उद्योग का आगे विस्तार करने में इसका उपयोग करने में सक्षम होगा।
- योजना के तहत, तकनीकी सहायता शाखा के रूप में कार्य करने के लिए एक परियोजना प्रबंधन एजेंसी का भी चयन किया जाएगा।
महत्व
- इस योजना की परिकल्पना संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य-9 "लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, सतत औद्योगीकरण को बढ़ावा देना और नवाचार को प्रोत्साहन देना" को प्राप्त करने के लिए की गई है।
- पीएम मित्र पार्क एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण/रंगाई और छपाई से लेकर परिधान निर्माण तक एक एकीकृत टैक्सटाइल मूल्य श्रृंखला का सृजन करने का भी अवसर प्रदान करेगा।
- यह रसद लागत को कम करेगा और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कपड़ा क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करेगा।
- यह घरेलू निर्माताओं को अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा बाजार में समान अवसर प्रदान करेगा।
- इस योजना के अंतर्गत विश्व स्तरीय औद्योगिक बुनियादी ढांचा, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को आकर्षित करेगा और इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और स्थानीय निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- यह योजना भारत में निवेश आकर्षित करने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और स्वयं को वैश्विक टैक्सटाइल बाजार में मजबूती से स्थापित करने में मदद करेगी।