प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, बिरसा मुंडा, पीवीटीजी मुख्य परीक्षा- सामान्य अधययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर ‘कमजोर आदिवासी समुदायों’(पीवीटीजी) के लिए 24,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करते हुए वंचित आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए 'मिशन मोड' पर काम करने का वादा किया।
मुख्य बिंदु-
- इस योजना को 15 नवंबर,2023 को झारखंड के 'जनजातीय गौरव दिवस' के अवसर पर प्रारंभ किया गया।
- प्रधानमंत्री ने झारखंड में बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
- झारखंड का गठन 2000 में मुंडा की जयंती पर हुआ था।
- प्रधानमंत्री ने झारखंड के आदिवासी वीरों तिलका मांझी, सिधू कान्हू, चांद भैरव, फूलो झानो, नीलांबर, पीतांबर, जतरा ताना भगत और अलबर्ट एक्का आदि का भी उल्लेख किया।
- प्रधानमंत्री ने देश के आदिवासी योद्धाओं मानगढ़ धाम के गोविंद गुरु, मध्य प्रदेश के टंट्या भील, भीमा नायक, छत्तीसगढ़ के शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधुर, मणिपुर के रानी गाडिन्ल्यू, तेलंगाना के वीर रामजी गोंड, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू के योगदान का भी उल्लेख किया।
योजना के बारे में-
- इस योजना को 'पीएम जनमन' के नाम से भी जाना जाता है।
- इस योजना की घोषणा पहली बार बजट 2023-24 के दौरान की गई थी।
- इस योजना में आदिवासी कल्याण के लिए बजट छह गुना बढ़ा दिया गया है।
- केंद्र इस मेगा योजना पर 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
- 'पीएम जनमन' के तहत सरकार आदिवासी समूहों और आदिम जनजातियों तक पहुंचेगी, जिनमें से अधिकांश अभी भी जंगलों में रहते हैं।
- यह योजना 75 पीवीटीजी के लिए नौ मंत्रालयों के द्वारा 11 क्षेत्रक की डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- 11 क्षेत्रक हैं- पीवीटीजी की बिखरी, दूरस्थ और दुर्गम बस्तियों को सड़क, दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी सुविधाओं से संतृप्त करना है।
- 11 क्षेत्रकों के अलावा, अन्य सरकारी योजनाओं; जैसे- पीएमजेएवाई स्वास्थ्य बीमा योजना, सिकल सेल रोग उन्मूलन कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, 100% बचपन टीकाकरण, सभी महिलाओं के लिए मुफ्त प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पीएम सुरक्षित मातृत्व की संतृप्ति, पीएम माताओं को नकद लाभ के लिए मातृ वंदना योजना, पीएम पोषण और पीएम जन धन योजना पर भी ध्यान दिया जाएगा।
कमजोर आदिवासी समुदायों (पीवीटीजी)-
- पीवीटीजी जनजातीय समुदायों के बीच अधिक असुरक्षित समूह हैं और उनकी आमतौर पर विशिष्ट संस्कृति होती है, वे भौगोलिक अलगाव में रहते हैं, और अन्य समुदायों के साथ संपर्क करने से कतराते हैं।
- इनकी विशेषता "प्रौद्योगिकी का कृषि-पूर्व स्तर, स्थिर या घटती जनसंख्या, बेहद कम साक्षरता और अर्थव्यवस्था का निर्वाह स्तर" है।
- 1961 के ढेबर आयोग के आधार पर पीवीटीजी को एक अलग श्रेणी के रूप में मान्यता दी गई थी।
- 1975 में 52 पीवीटीजी थे और 1993 तक यह सूची 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 705 अनुसूचित जनजातियों (एसटी) में से 75 तक विस्तारित हो गई।
- लगभग 28 लाख की आबादी वाले 75 पीवीटीजी भारत के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 22,544 गांवों में रहते हैं।
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय और 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर कुल पीवीटीजी आबादी 40 लाख से अधिक है
- ओडिशा में पीवीटीजी की सबसे बड़ी आबादी 8.66 लाख है, इसके बाद मध्य प्रदेश में 6.09 लाख और आंध्र प्रदेश (तेलंगाना सहित) में 5.39 लाख है।
- सबसे बड़ा पीवीटीजी ओडिशा का सौरा समुदाय है, जिनकी संख्या 5.35 लाख है।
- इस योजना के तहत इन दूरस्थ बस्तियों को कवर करने के लिए कुछ योजनाओं के मानदंडों में ढील दी जाएगी।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- 'पीएम जनमन' योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इस योजना को 'जनजातीय गौरव दिवस' के अवसर पर प्रारंभ किया गया।
- इस योजना का उद्देश्य सभी आदिवासियों तक मूलभूत वस्तुओं को पहुँचाना है।
- इस योजना की घोषणा पहली बार बजट 2019-20 के दौरान की गई थी।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- ‘कमजोर आदिवासी समुदाय’(पीवीटीजी) कौन हैं? हाल ही में इनके उत्थान के लिए प्रारंभ 'पीएम जनमन' योजना की विवेचना कीजिए।
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