प्रारम्भिक परीक्षा: वन्यजीव अभयारण्य मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों:
सुप्रीम कोर्ट ने 13 मार्च को पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य का गठन करने वाली लगभग 26 वर्ष पुरानी अधिसूचना को वापस लेने के असम सरकार के निर्णय पर रोक लगा दी।
क्या है मामला?
- 17 मार्च 1998 को पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य को अधिसूचित किया गया था
- हाल ही में असम सरकार के राज्य वन विभाग द्वारा इस अधिसूचना को वापस ले लिया था।
- राज्य वन विभाग के अनुसार वर्ष 1998 में अधिसूचना राजस्व विभाग और मुख्यमंत्री से परामर्श किए बिना वन विभाग द्वारा एकतरफा जारी की गई थी।
- अभयारण्य की घोषणा थेंगाभंगा, मुरकटा और मायोंग सहित क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लोगों के अधिकारों का निपटान किए बिना की गई थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति के बिना यह अधिसूचना वापस नहीं ली जा सकती है।
- राज्य को अगली सुनवाई तक विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है।
पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य:
- यह असम राज्य के मोरीगांव जिले में स्थित है, जो गुवाहाटी से 48 किमी दूर है।
- इस अभयारण्य में राजमायोंग रिजर्व फॉरेस्ट और पोबितोरा रिजर्व फॉरेस्ट शामिल हैं।
- राजमायोंग की पहाड़ियाँ तेंदुआ, कैप्ड लंगूर, साही, पैंगोलिन आदि कई प्रजातियों का आश्रय स्थल हैं।
- पोबितोरा के घास के मैदानों में एक सींग वाले गैंडे, जंगली जल भैंस, मॉनिटर छिपकली, जंगली सूअर आदि पाए जाते हैं।
- यह देश में एक सींग वाले गैंडे की आबादी के लिए जाना जाता है।
वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries):
- यह ऐसे क्षेत्र हैं, जहां विभिन्न पक्षियों और जानवरों की प्रजातियां बिना किसी भय के रह सकें।
- यह पक्षियों और जानवरों के शिकार और तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों से बचाकर उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखे जाने का क्षेत्र होता है।
- उद्देश्य:
- पशु, पक्षी या वन संपदा को संरक्षित करना
- उसका विकास करना
- शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में उसकी मदद लेना
- राष्ट्रीय वन्यजीव डेटाबेस, नवंबर 2023 के अनुसार-
- भारत में वर्तमान में 573 वन्यजीव अभयारण्य हैं
- इनका कुल क्षेत्रफल 123,762.56 किमी2
- भूमि क्षेत्र का 3.76%
वन्यजीव अभ्यारण अधिसूचित करने की प्रक्रिया:
- वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 राज्य सरकार को विशिष्ट क्षेत्रों को वन्यजीव अभयारण्यों के रूप में घोषित करने का अधिकार देता है।
- राज्य सरकार एक अधिसूचना जारी कर किसी क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित कर सकती है।
- वन्य भूमि अभयारण्य क्षेत्र घोषित करने से पहले वन्यजीव बोर्ड (Wild Life Board) की अनुमति आवश्यक है।
- यदि इस क्षेत्र में कहीं जलीय पारितंत्र है तो उसके लिये भारतीय जलीय जीव संरक्षण बोर्ड से अनुमति आवश्यक होती है।
- वन्यजीव अभ्यारण के रूप में नामित होने के बाद, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की मंजूरी के बिना वन्यजीव अभ्यारण में सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न:- वन्यजीव अभयारण्य के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- राज्य सरकारों को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने का अधिकार है।
- अभयारण्य क्षेत्र घोषित करने से पूर्व वन्यजीव बोर्ड की अनुमति आवश्यक होती है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: वन्यजीव अभयारण्य की संक्षिप्त जानकारी देते हुए इसे घोषित करने की प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए।
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