चर्चा में क्यों
हाल ही में, विश्व में पक्षियों की स्थिति (The State of the World’s Birds) की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट प्रकाशित की गई।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में पक्षियों की 10,994 मान्यता प्राप्त मौजूदा प्रजातियों में से लगभग 13.5% विलुप्त होने के कगार पर हैं। साथ ही, पक्षियों की कुल प्रजातियों में से 48% प्रजातियों की आबादी में गिरावट दर्ज की गई है।
- लगभग 39% प्रजातियों की संख्या स्थिर पाई गई है, जबकि लगभग 7% प्रजातियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है
- जीवित पक्षी प्रजातियों में से लगभग 37% का प्रयोग पालतू के रूप में तथा लगभग 14% का प्रयोग भोजन के रूप में किया जाता है।
पर्यावरणीय महत्त्व
- उल्लेखनीय है कि पक्षियाँ पर्यावरणीय स्वास्थ्य की अत्यधिक स्पष्ट एवं संवेदनशील संकेतक हैं। इनकी क्षति जैव विविधता के व्यापक नुकसान तथा मानव स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिये खतरे का संकेत हैं।
- प्राकृतिक आवासों के क्षरण एवं क्षति के साथ-साथ कई प्रजातियों के प्रत्यक्ष रूप से अतिदोहन के कारण पक्षी विविधता खतरे में है।
- विश्व स्तर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पक्षी विविधता अधिकतम है और यहीं पर संकटग्रस्त प्रजातियों की अधिकतम संख्या भी पाई जाती है।
- उष्णकटिबंधीय जंगलों के अतिरिक्त उत्तरी अमेरिका, यूरोप एवं भारत के लिये प्राकृतिक घास के मैदानों का ह्रास विशेष रूप से चिंताजनक है।