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एड्स उपचार का सकारात्मक पहलू

(मुख्य परीक्षा; सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2- विषय - स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।)

विगत् कुछ वर्षों में यूनाइटेड नेशंस प्रोग्राम ऑन एच.आई.वी. /एड्स (UNAIDS) द्वारा प्रदत्त तकनीकी सहायता से भारत में माँ से बच्चे में होने वाले एड्स संक्रमण को रोकने में कुछ हद तक सफलता प्राप्त हुई है।

महत्त्वपूर्ण लाभ

  • राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (National AIDS Control Organization- NACO) / स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किये गए वर्ष 2019 एच.आई.वी. अनुमानों के अनुसार UNAIDS के तकनीकी समर्थन से बच्चों में नए एच.आई.वी. संक्रमण के मामलों में 66.1% की कमी हुई है और विगत् 9 साल में भारत में  एड्स से होने वाली मृत्यु में भी 65.3% की कमी दर्ज की गई है। 
  • एच.आई.वी. के साथ वर्तमान में जीवन-यापन कर रहीं गर्भवती महिलाओं की संख्या वर्ष 2010 में 31,000 से घटकर 2019 में 20,000 हो गई है।
  • कुल मिलाकर एड्स के मामले में प्रसवपूर्व कवरेज का विस्तार हुआ है और समय के साथ व लक्ष्य सीमा के भीतर एच.आई.वी. परीक्षणों में बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही, इस दौरान उपचार कवरेज का भी विस्तार हुआ है।

माँ से बच्चों को रोग संचरण की रोकथाम में प्रगति

  • राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के नेतृत्व में, जून 2019 तक 'फास्ट-ट्रैकिंग ऑफ EMTCT (Elimination of Mother-to-Child Transmission) रणनीति-सह-कार्य योजना' की रूपरेखा तैयार की गई।
  • इस योजना ने EMTCT लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सभी राष्ट्रीय, राज्य और भागीदारों के सामूहिक प्रयासों को सुदृढ़ीकरण करने का कार्य किया है।
  • इसके अतिरिक्त, मार्च 2020 से देश में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को कम करने के प्रयास भी शुरू किये गए हैं।
  • वर्ष 2010 से 2019 तक, भारत ने एच.आई.वी. के माँ से बच्चे में संचरण की रोकथाम के माध्यम से बच्चों पर एच.आई.वी. के प्रभाव को कम करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है।
  • यह सफलता विशेष रूप से शिक्षा और संचार कार्यक्रमों के माध्यम से प्राप्त हुई है; जैसे एच.आई.वी. परीक्षण के लिये अभिनव वितरण तंत्र के साथ एच.आई.वी. सेवाओं तक आम लोगों की पहुँच में वृद्धि; परामर्श और देखभाल व योजनागत उपचार आदि।
  • भारत ने सभी गर्भवती महिलाओं का मुफ्त में एच.आई.वी. परीक्षण किया और राष्ट्रव्यापी  ‘ट्रीट ऑल पॉलिसी’ के माध्यम से गर्भवती माताओं का एच.आई.वी. का इलाज मुफ्त में किया।
  • दो साल के लिये यूनिसेफ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और एन.ए.सी.ओ. के साथ मिलकर उच्च बोझ वाले ज़िलों  (High Burden Districts) (एच.आई.वी. से ग्रसित गर्भवती महिलाओं के घनत्व के संदर्भ में) को रोग उन्मूलन के लिये अंतिम पड़ाव के रूप में प्रायोजित करके सर्वप्रथम उनमें रोग उन्मूलन का कार्य किया है।
  • वर्ष 2002 के बाद से, जब भारत में एच.आई.वी. कार्यक्रमों के EMTCT को लॉन्च किया गया था, तो नीति, प्रोग्रामेटिक और कार्यान्वयन रणनीतियों की एक शृंखला शुरू की गई थी ताकि सभी गर्भवती महिलाएं नि:शुल्क एच.आई.वी. परीक्षण और नि:शुल्क उपचार प्राप्त कर सकें, ताकि माताओं से शिशुओं में एच.आई.वी. संचरण को रोका जा सके।
  • सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में और मजदूरों व श्रमिकों के लिये यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के द्वारा सम्भव हो पाया है।

निष्कर्ष

आँकड़ों के आधार पर बेहतर निर्णय लेने के तरीकों का उपयोग यदि लगातार किया जाए तो वर्ष 2030 के अंत तक भारत में एड्स बच्चों के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े खतरों से बाहर हो जाएगा।

प्री फैक्ट्स :

यूनाइटेड नेशंस प्रोग्राम ऑन एच.आई.वी./एड्स (यू.एन.एड्स)

  • यू.एन.एड्स एक अभिनव भागीदारी है, जो एचआईवी से बचाव, उपचार, सेवा और समर्थन को सर्व सुलभ कराने में दुनिया को नेतृत्‍व और प्रेरणा देती है।
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र के सदस्‍य देशों द्वारा अपनाए गए अनेक प्रस्‍तावों और घोषणाओं के माध्यम से विश्व में एचआईवी से बचाव, उपचार तथा समर्थक सेवाओं को सर्वसुलभ बनाने तथा एचआईवी का प्रसार रोकने की दिशा में गतिविधियों का दायरा बढ़ाने हेतु कुछ संकल्‍प, कार्यवाईयाँ और लक्ष्‍य तय किये गए हैं।

भारत में इसकी उपस्थिति : वर्ष 1999 से।

नोडल ऑफिस : राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको)।

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