चर्चा में क्यों ?
- केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान योजना को साल 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है।
- केंद्र सरकार अगले चार वर्षों तक राज्यों के तुअर, उड़द और मसूर उत्पादन का 100% खरीदेगी
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प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA)
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योजना का नाम
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प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान
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आरंभ
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12 सितंबर 2018
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अवधि
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2018 से 2025-26 तक
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लक्ष्य
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किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ दिलाना
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नोडल मंत्रालय
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
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क्रियान्वयन क्षेत्र
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सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश
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आधिकारिक बेवसाइट
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https://agriwelfare.gov.in/sites/default/files/Guidelines%20PDPS.pdf
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PM-AASHA योजना के मुख्य घटक
PM-AASHA योजना को तीन प्रमुख घटकों में विभाजित किया गया है:
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1. मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme - PSS)
- यह योजना राज्य सरकारों और केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से चलाई जाती है।
- इस योजना के तहत तिलहन, दलहन और कपास जैसी फसलों की खरीद नाफेड (NAFED), FCI और CCI जैसी एजेंसियां करती हैं।
- यदि बाजार में इन फसलों की कीमत MSP से कम हो जाती है, तो सरकार उन्हें MSP पर खरीदती है।
2. मूल्य कमी भुगतान योजना (Price Deficiency Payment Scheme - PDPS)
- यह योजना विशेष रूप से मध्य प्रदेश में "भावांतर भुगतान योजना" के आधार पर बनाई गई है।
- इसके तहत, यदि किसान की फसल का बाजार मूल्य MSP से कम होता है, तो सरकार इस अंतर की भरपाई सीधे किसान के बैंक खाते में करती है।
- इससे किसानों को उनकी उपज बेचने की आज़ादी मिलती है और सरकार उन्हें MSP का पूरा लाभ देती है।
- यह योजना मुख्य रूप से तिलहन (सरसों, सोयाबीन आदि) पर केंद्रित है।
3. निजी खरीद और भंडारण योजना (Private Procurement and Stockist Scheme - PPSS)
- यह योजना कुछ राज्यों में प्रायोगिक आधार पर लागू की गई है।
- इसके तहत, सरकार निजी कंपनियों और व्यापारियों को अधिकृत करती है कि वे किसानों से MSP पर उनकी उपज खरीदें।
- सरकार निजी कंपनियों को आंशिक वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है।
- यह योजना भी तिलहन फसलों पर लागू होती है।
PM-AASHA योजना की विशेषताएँ और लाभ
- किसानों को MSP की गारंटी मिलती है, जिससे वे अपनी फसल के सही मूल्य के लिए आश्वस्त रहते हैं।
- सरकार किसानों से सीधे खरीदारी करके उनका आर्थिक संरक्षण करती है।
- यदि बाजार मूल्य गिरता है, तो किसानों को मूल्य अंतर का भुगतान किया जाता है।
- इससे किसानों को बाजार की अस्थिरता से बचाव मिलता है।
- तिलहन और दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है, जिससे भारत को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
PM-AASHA योजना के लिए पात्रता
- भारत का कोई भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकता है।
- किसानों को अपनी फसल मंडी में बेचनी होगी और MSP से कम मूल्य मिलने की स्थिति में सरकार उनकी भरपाई करेगी।
- किसान को PM-KISAN और अन्य सरकारी योजनाओं से पंजीकृत होना चाहिए ताकि वह सीधे बैंक खाते में भुगतान प्राप्त कर सके।
PM-AASHA योजना में शामिल फसलें
- दलहन फसलें – मूंग, उड़द, अरहर, मसूर, चना, मटर
- तिलहन फसलें – सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल
- खोपरा
- कपास (Cotton) – विशेष रूप से मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत
PM-AASHA योजना का महत्व
- PM-AASHA योजना किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है, जो उन्हें MSP का पूरा लाभ दिलाने और उनकी आय में स्थिरता लाने के लिए बनाई गई है।
- इससे किसान बिना किसी जोखिम के अपनी उपज को बाजार में बेच सकते हैं और यदि उन्हें MSP से कम मूल्य मिलता है, तो सरकार उन्हें इस अंतर की भरपाई करके उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
- इससे भारत में कृषि क्षेत्र को मजबूत किया जा सकता है
- किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।