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प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण के 5 वर्ष 

(प्रारंभिक परीक्षा- आर्थिक और सामाजिक विकास, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप,केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इनका कार्य-निष्पादन)

संदर्भ 

20 नवंबर, 2021 को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना– ग्रामीण’ के 5 वर्ष पूरे हुए। 

प्रधानमंत्री आवास योजना– ग्रामीण

  • प्रधानमंत्री आवास योजना– ग्रामीण (पी.एम.ए.वाई.-जी.) का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले से 20 नवंबर 2016 को किया था, जो 01 अप्रैल, 2016 से क्रियान्वित है। 
  • पी.एम.ए.वाई.-जी. कार्यक्रम के तहत यह परिकल्पना की गई थी कि वर्ष 2022 तक सभी आधारभूत सुविधाओं से संपन्न 2.95 करोड पी.एम.ए.वाई.-जी. मकानों का निर्माण किया जाएगा। 
  • इस योजना के पहले चरण में अर्थात् 2016-17 से 2018-19 तक एक करोड़ पक्के मकानों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। साथ ही, वर्ष 2019-20 से शुरू होकर 2021-22 तक चलने वाले दूसरे चरण में शेष 1.95 करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • पी.एम.ए.वाई.- जी. योजना के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 7775.63 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। सहायता लागत मैदानी क्षेत्रों में 60:40 और उत्तर पूर्वी और हिमालयी राज्यों के लिये 90:10 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकार के बीच साझा की जाती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना– ग्रामीण के अतिरिक्त लाभ

  • पात्र लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराने के अतिरिक्त पी.एम.ए.वाई.- जी. अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी घरों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करती है। योजना के लाभार्थी मनरेगा के तहत 90 -95 श्रम दिवस के लिये अकुशल श्रम के भी हकदार हैं। 
  • शौचालय निर्माण के लिये स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G/एस.बी.एम.-जी.) को आवास योजना से जोड़कर भी मदद ली जाएगी। पी.एम.ए.वाई.-जी. के लाभार्थी को विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत पाइप से पेयजल, बिजली कनेक्शन, एल.पी.जी. गैस कनेक्शन आदि भी मिल सकता है।

‘आवास+’ ऐप और ‘आवास सॉफ्ट’

  • वह परिवार जो सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना-2011 के तहत निर्दिष्ट मानकों के अनुसार पी.एम.ए.वाई.- जी. के तहत सहायता पाने के पात्र हैं किंतु पात्र लाभार्थियों की सूची में उनके नाम शामिल नहीं हैं, उन पात्र परिवारों की एक अतिरिक्त सूची बनाने के लिये मोबाइल ऐप्लिकेशन ‘आवास+’ का उपयोग करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अभियान भी चलाया था।
  • इस कार्यक्रम को ई-गवर्नेंस समाधान ‘आवास सॉफ्ट’ और ‘आवास प’ के माध्यम से लागू किया जा रहा है। आवास सॉफ्ट प इस योजना के कार्यान्वयन पहलुओं से संबंधित विभिन्न आँकड़ों को एकत्रित करने और उनकी निगरानी के लिये काम करता है। 
  • आवास सॉफ्ट को अधिक सुगम बनाने और इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिये इसमें कुछ नए मॉड्यूल जोड़े गए हैं, जो इस प्रकार हैं :
    • भूमिहीन मॉड्यूल- योजना में स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल भूमिहीन परिवारों के लिये। 
    • ई-टिकटिंग प्रणाली- तकनीकी के साथ-साथ गैर-तकनीकी मुद्दों से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिये।
    • आधार आधारित भुगतान प्रणाली

      आवास दिवस

      • वर्ष 2022 तक ‘सभी के लिये आवास’ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रारंभ पी.एम.ए.वाई.- जी. के शुभारंभ की वर्षगांठ मनाने के लिये प्रत्येक वर्ष 20 नवंबर को ‘आवास दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
      • उल्लेखनीय है कि इंदिरा आवास योजना को ही पी.एम.ए.वाई.- जी. के रूप में पुनर्गठित किया गया है। एक स्वतंत्र कार्यक्रम के रूप में ग्रामीण आवास कार्यक्रम जनवरी 1996 में इंदिरा आवास योजना के साथ शुरू हुआ था। 
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