प्रारंभिक परीक्षा
(पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे इत्यादि)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन)
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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पहली बार ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G)’ के लाभार्थियों को स्व-सर्वेक्षण की अनुमति दे रहा है। यह योजना के लिए डाटा एकत्र करने के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। सरकार ने 2.6 लाख सर्वेक्षकों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
स्व-सर्वेक्षण का उद्देश्य
- यह सुनिश्चित करना कि कोई भी पात्र परिवार लाभार्थी सूची से छूट न जाए।
- सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा लाभार्थी की पहचान में संभावित पक्षपात या पूर्वाग्रह को कम करना।
डाटा रिकॉर्ड तकनीक
- सरकार सर्वेक्षण डाटा रिकॉर्ड करने के लिए ‘आवास+ (Awaas+)’ नामक एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर रही है।
- यह ऐप डाटा संग्रह को सुव्यवस्थित करने और लाभार्थी पहचान प्रक्रिया की सटीकता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- हालाँकि, एक मोबाइल डिवाइस का उपयोग करके केवल एक ही आवेदन या लाभार्थी का सर्वेक्षण किया जा सकता है जिसका उद्देश्य संभावित हेरफेर या धोखाधड़ी के दावों को रोकना है।
परिवर्तनों के निहितार्थ
- लाभार्थी पहचान में पारदर्शिता में वृद्धि
- सर्वेक्षण प्रक्रिया में लाभार्थियों को शामिल करने से सामुदायिक सहभागिता में वृद्धि
- आवास संबंधी आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करना
- सर्वाधिक योग्य लाभार्थियों तक सहायता सुनिश्चित करना
पी.एम.ए.वाई.-जी के बारे में
- लॉन्च तिथि : 20 नवंबर, 2016
- भारत सरकार द्वारा एक प्रमुख ग्रामीण आवास योजना के रूप में शुरू किया गया।
- नोडल मंत्रालय : ग्रामीण विकास मंत्रालय
- उद्देश्य : समाज के सबसे गरीब तबके को आवास उपलब्ध कराना तथा सुरक्षित घर सुनिश्चित करना।
- लक्ष्य : मूल रूप से वर्ष 2023-24 तक 2.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे अब (दूसरे चरण में) 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों की स्वीकृति के कारण बढ़ाकर 4.95 करोड़ कर दिया गया है।
- वित्तीय परिव्यय : अगस्त 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूसरे चरण के लिए ₹3,06,137 करोड़ (वर्ष 2024-2029 के लिए) के वित्तीय परिव्यय को मंज़ूरी दी।
- वर्ष 2024-25 के लिए ₹54,500 करोड़ आवंटित किया गया है।
- लाभार्थियों का चयन : तीन चरणों वाली कठोर सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से।
- इसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC 2011) एवं ‘आवास+’ (2018) सर्वेक्षण, ग्राम सभा की मंजूरी और जियो-टैगिंग शामिल है।
- भुगतान प्रक्रिया : आधार से जुड़े लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष भुगतान
प्रगति व उपलब्धियां
- स्वीकृत मकान : 3.21 करोड़ मकान (19 नवंबर 2024 तक)
- पूर्ण किए गए मकान : 2.67 करोड़ मकान
- महिला सशक्तिकरण : 74% घरों का स्वामित्व महिलाओं के पास है (एकल या संयुक्त रूप से)।
- इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को 100% स्वामित्व प्रदान करना है।
लक्षित सहायता
- अनुसूचित जाति (SC) एवं अनुसूचित जनजाति (ST) : न्यूनतम 60% आरक्षण का लक्ष्य
- दिव्यांग एवं आपदा प्रभावित परिवार : प्रत्येक के लिए 5% आरक्षण का लक्ष्य
- प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवार : 5% आरक्षण का लक्ष्य
अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण
- स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) : शौचालय निर्माण के लिए ₹12,000
- मनरेगा : पात्र परिवार अकुशल श्रमिक के रूप में, विशेष रूप से ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण के तहत, 90.95 रुपये की दैनिक मजदूरी के साथ 95 दिनों का रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) : खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन के लिए नि:शुल्क एल.पी.जी. कनेक्शन
- पाइप से पेयजल एवं बिजली कनेक्शन : लाभार्थियों को पाइप आधारित पेयजल एवं बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है।
- सामाजिक एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन : पी.एम.ए.वाई.-जी. अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सरकारी कार्यक्रमों के साथ मिलकर कार्य करता है, जिससे लाभार्थियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य व स्वच्छता सुनिश्चित होती है।
निष्कर्ष
पी.एम.ए.वाई.-जी. लाखों ग्रामीण परिवारों के लिए सुरक्षित आवास उपलब्ध कराकर और सामाजिक समानता को बढ़ावा देकर उनके जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार करता है। दूसरे चरण में दो करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण की प्रतिबद्धता सरकार के ‘सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को पुष्ट करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक पात्र परिवार को गुणवत्तापूर्ण आवास एवं सम्मानजनक जीवन मिल सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U)
- लॉन्च तिथि : 25 जून 2015
- मंत्रालय : आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0
- घोषणा : वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2024 में
- उद्देश्य : अगले पांच वर्षों में शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए 1 करोड़ घरों का निर्माण करना।
- निवेश : ₹10 लाख करोड़, जिसमें ₹2.30 लाख करोड़ की सरकारी सब्सिडी शामिल है।
- लक्षित लाभार्थी : शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार।
पात्रता मापदंड
- लक्ष्य समूह : आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) से संबंधित परिवार।
- आय मानदंड
- EWS : वार्षिक आय ₹3 लाख तक।
- LIG : वार्षिक आय ₹3 लाख से ₹6 लाख तक।
- MIG : वार्षिक आय ₹6 लाख से ₹9 लाख तक।
- पात्र परिवारों के पास भारत में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए।
वित्तपोषण तंत्र
- लागत साझाकरण : मंत्रालय, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/शहरी स्थानीय निकाय और लाभार्थियों के बीच लागत साझा की जाएगी, जिसमें क्षेत्रीय भिन्नताएं होंगी।
- ऋण जोखिम गारंटी निधि : किफायती आवास ऋणों को समर्थन देने के लिए इसे ₹1,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹3,000 करोड़ किया गया।
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