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प्रवासी भारतीय दिवस 

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय)

संदर्भ  

08-10 जनवरी, 2023 तक भारत सरकार द्वारा इंदौर, मध्य प्रदेश में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रवासी भारतीय दिवस प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस सम्मेलन के पहले दिन 8 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया गया।
  • जबकि सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट ‘सुरक्षित जाएँ, प्रशिक्षित जाएँ’ भी जारी की।

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  • इस दौरान ‘आजादी का अमृत महोत्सव - भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ विषय पर डिजिटल प्रदर्शनी आयोजित की गई जिसके लिये इंदौर में एक अस्थायी संग्रहालय का उद्घाटन किया गया।  

थीम एवं मुख्य अतिथि 

  • इस वर्ष का विषय/थीम ‘प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार’ (Diaspora: Reliable partners for India's progress in Amrit Kaal) है। 
  • इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि (Chief Guest) गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली और विशिष्ट अतिथि (Special Guest) सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी है।

प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार  

  • इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह अनिवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) या उनके द्वारा स्थापित और संचालित किसी संस्था को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। 
  • इस वर्ष, यह पुरस्कार 27 लोगों को दिया गया। इस सूची में डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल (अमेरिका में रहने वाले एन.आर.आई.) भी शामिल हैं, जिन्हें अक्तूबर 2021 में तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिये लंगर आयोजित करने में कथित संलिप्तता को कारण दिल्ली हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया था। 

प्रवासी भारतीयों का वर्गीकरण

अनिवासी भारतीय (NRI) 

यह एक भारतीय नागरिक है जो पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों से कम समय के लिये भारत में रहा हो

भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) 

  • यह एक विदेशी नागरिक (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, ईरान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को छोड़कर) है जिनके पास किसी भी समय भारतीय पासपोर्ट था; या  वह या उसके माता-पिता या दादा-दादी में से कोई एक भारत का नागरिक था; या जो भारत के नागरिक या पी.आई.ओ. का जीवनसाथी है। 
  • पी.आई.ओ. श्रेणी को वर्ष 2015 में समाप्त कर ओ.सी.आई. श्रेणी के साथ विलय कर दिया गया है। हालाँकि, मौजूदा पी.आई.ओ. कार्ड 31 दिसंबर, 2023 तक वैध हैं, जिसके द्वारा इन कार्ड धारकों को ओ.सी.आई. कार्ड प्राप्त करना होगा।

भारत के विदेशी नागरिक (OCI) 

  • ओ.सी.आई. की एक अलग श्रेणी वर्ष 2006 में बनाई गई थी। 
  • एक ओ.सी.आई. कार्ड एक विदेशी नागरिक को दिया जाता है जो 26 जनवरी, 1950 के समय या उसके बाद किसी भी समय भारत का नागरिक था; या जो 26 जनवरी, 1950 को भारत का नागरिक होने के योग्य था; या जो 15 अगस्त, 1947 के बाद भारत का हिस्सा बनने वाले क्षेत्र से संबंधित था। 

 प्रवासी भारतीय दिवस

  • वर्ष 2002 में एल. एम. सिंघवी की अध्यक्षता में प्रवासी भारतीयों पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। 
  • इस समिति ने सिफारिश की थी कि सरकार को प्रवासी भारतीयों के मूल स्थान से संबंधों को नवीनीकृत और मज़बूत करना चाहिये। 
  • साथ ही, प्रवासी भारतीय भवन की स्थापना की सिफारिश भी की गई।  
  • इसके पश्चात्, वर्ष 2003 से सरकार द्वारा इस समुदाय को मान्यता देने के लिये प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत की गई। यह दिवस 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने की याद में मनाया जाता है। 
  • इस सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2015 से पूर्व वार्षिक रूप से किया जाता था जो अब द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है।  

प्रवासियों का भौगोलिक प्रसार 

  • अगस्त 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 तक 4.7 करोड़ भारतीय विदेशों में रह रहे थे। इसमें एन.आर.आई., पी.आई.ओ., ओ.सी.आई. और छात्र शामिल हैं। 
  • विश्व प्रवासन रिपोर्ट के अनुसार, भारत विश्व की सबसे बड़ी उत्प्रवासी (emigrant) आबादी वाला देश है। इसके बाद मेक्सिको, रूस और चीन का स्थान है। 
  • 10 लाख से अधिक प्रवासी भारतीयों वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका (44 लाख), संयुक्त अरब अमीरात (34 लाख), मलेशिया (29.8 लाख) और सऊदी अरब (26 लाख) के अलावा, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, म्याँमार और कनाडा शामिल हैं। 
  • वर्ष 2022 में भारत का वार्षिक रेमिटेंस (धन प्रेषण) 100 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। वर्ष 2020 में शीर्ष पाँच रेमिटेंस प्राप्तकर्ता देशों में क्रमशः भारत, चीन, मैक्सिको, फिलीपींस और मिस्र का स्थान हैं।

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