(मुख्य परीक्षा: प्रश्न पत्र: 2- भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।)
संदर्भ
हाल ही में देश में 16वें राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया को संम्पन्न किया गया, जिसमें 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू का चयन किया गया है। ये देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होने के साथ ही दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गयी हैं। इन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर जीत हासिल की, जिसमें इन्हें कुल वैध मतों का 64.03% मत प्राप्त हुआ।
भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन
- भारत के राष्ट्रपति के लिये निर्वाचन का उपबंध संविधान के अनुच्छेद-54 में किया गया है, जिसके अनुसार राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल के माध्यम से किया जाता है । जिसमें शामिल हैं-
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- सभी राज्य की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- संघ राज्य क्षेत्रों दिल्ली, पुडुचेरी तथा जम्मू-कश्मीर विधानसभा के निर्वाचित सदस्य
- भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के द्वारा किया जाता है।
- संविधान राष्ट्रपति के चुनाव में मतों की संख्या के स्थान पर मत के मूल्य की व्यवस्था करता है, जिसके माध्यम से चुनाव में शामिल सभी विधायकों के मत का मूल्य समान हो जाता है तथा इसी प्रकार सभी विधायकों के मत के मूल्य तथा सभी संसद सदस्यों के मत के मूल्य के मध्य समानता स्थापित की जाती है।
- एक विधायक के मत का मूल्य प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है-
एक विधायक के मत का मूल्य = (राज्य की कुल जनसंख्या/राज्य विधानसभा में कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या) x 1/1000
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- एक सांसद के मत का मूल्य प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है-
एक सांसद के मत का मूल्य = सभी राज्यों के विधायकों के मतों का कुल मूल्य / संसद के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या
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- इस विधि के माध्यम से राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिये वैध मतों का एक निश्चित भाग प्राप्त करना आवश्यक है तथा इसे कुल वैध मतों को 2 से भाग देने के बाद एक जोड़कर प्राप्त किया जाता है जो कुल वैध मतों का 50 प्रतिशत + 1 होता है –
बहुमत के लिये निश्चित मतों का भाग = कुल वैध मत +1/ 1(नियुक्ति की संख्या) + 1
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- राष्ट्रपति के चुनावों में प्रत्येक सदस्य वरीयता के आधार पर मतदान करता है और इस आधार पर प्रत्येक सदस्य मतपत्र में सभी उम्मीदवारों के सामने प्रथम एवं द्वितीय वरीयता अंकित करता है।
- ऐसी स्थिति में मतगणना की कार्यवाही तब तक चलेगी जब तक कोई उम्मीदवार निश्चित मतों का भाग प्राप्त नहीं कर लेता।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू
- भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून,1958 को ओडिशा के मयूरगंज ज़िले के बैदपोसी गांव में हुआ था। इनका संबंध संथाल आदिवासी जनजातीय समुदाय से है।
- पूर्व में राष्ट्रपति मुर्मू ओडिशा राज्य विधानसभा की सदस्य तथा वर्ष 2015 से 2021 तक झारखण्ड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं ।
- इन्हें भारत की सबसे कम उम्र (64 वर्ष) की राष्ट्रपति बनने का गौरव भी प्राप्त है ।
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संवैधानिक प्रावधान
- भारतीय संविधान के भाग-V के अनुच्छेद-52-78 में भारत के राष्ट्रपति से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया है।
- देश का पहला नागरिक व संवैधानिक प्रधान होने के साथ-साथ भारत का राष्ट्रपति संघ की कार्यपालिका का प्रधान होता है तथा केंद्र सरकार के सभी कार्य भारत के राष्ट्रपति के नाम पर किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त, ये देश की तीनो सेनाओं का भी प्रमुख होता है।
- संविधान के अनुच्छेद-58 के अनुसार भारत का राष्ट्रपति होने के लिये न्यूनतन आयु 35 वर्ष है तथा अनुच्छेद-56 के अनुसार यह सामान्यत पाँच वर्ष के लिये पद ग्रहण करते हैं।
- राष्ट्रपति को संसद के समक्ष महाभियोग प्रस्ताव पारित करके पदच्युत किया जा सकता है। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद-61 में किया गया है परंतु अब तक भारत के किसी भी राष्ट्रपति पर महाभियोग नहीं चलाया गया है।
- राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद-111 के तहत वीटो शक्ति प्राप्त है जिसका प्रयोग वह संसद में पारित विधायकों के संबंध में कर सकता है।
- संविधान का अनुच्छेद-123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। यह एक प्रकार का अस्थाई कानून होता है तथा राज्य विधायिका अथवा संसद में पारित हो जाने के बाद अध्यादेश स्थायी कानून बन जाता है।
- संविधान के अनुच्छेद-72 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति को क्षमा दान की शक्ति प्राप्त है। इसके अंतर्गत यह क्षमा (दोषी को पूर्णत: दोष मुक्त करना), लघुकरण (दंड के स्वरुप को परिवर्तित करना), परिहार (दंड की अवधि में कमी करना), विराम (मूल सज़ा को किन्ही विशेष परिस्थितियों में कम करना), प्रविलंब (दंड पर अस्थायी रोक लगाना) का प्रयोग कर सकता है।
भारत के राष्ट्रपति
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क्र.स.
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नाम
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कार्यकाल
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1.
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
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1952 से 1957
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2.
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
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1957 से 1962
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3.
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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
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1962 से 1967
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4.
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डॉ. जाकिर हुसैन
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1967 से 1969
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5.
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वी.वी. गिरी
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1969 से 1974
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6.
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फखरुद्दीन अली अहमद
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1974 से 1977
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7.
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नीलम संजीवन रेड्डी (निर्विवाद)
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1977 से 1982
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8.
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ज्ञानी जैल सिंह
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1982 से 1987
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9.
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आर. वेंकटरमण
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1987 से 1992
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10.
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डॉ.शंकर दयाल शर्मा
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1992 से 1997
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11.
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के. आर. नारायणन
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1997 से 2002
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12.
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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
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2002 से 2007
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13.
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प्रतिभा देवीसिंह पाटिल
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2007 से 2012
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14.
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प्रणब मुखर्जी
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2012 से 2017
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15.
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रामनाथ कोविंद
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2017 से 2022
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16.
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द्रौपदी मुर्मू
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25 जुलाई, 2022 से अब तक
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