चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बॅाण्ड हाउस के लिये ‘प्राथमिक डीलर’ नामक एक समर्पित विंडो की शुरुआत की है। विदित है कि बॅाण्ड हाउस एक प्रतिभूति फर्म होती है, जो बॅाण्ड बनाने, वितरण एवं व्यापार का कार्य करती है।
प्रमुख बिंदु
प्राथमिक डीलर– यह कोई फर्म या व्यक्ति हो सकते हैं, जो दूसरों को पुनर्विक्रय करने के इरादे से सरकारी प्रतिभूतियों को सीधे सरकार से खरीदते हैं। इस प्रकार, ये सरकारी प्रतिभूतियों के बाज़ार-निर्माता के रूप में कार्य करते हैं। सरकार प्राथमिक डीलरों के व्यवहार एवं संख्या को विनियमित करने के लिये प्रवेश संबंधी शर्तें लगा सकती है। |