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प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, सरकार ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के उद्देश्य से 'प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’ (PMAAGY) नामकरण के साथ ‘जनजातीय उप-योजना के लिये विशेष केंद्रीय सहायता’ की पिछली योजना को संशोधित किया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • इसका उद्देश्य केंद्रीय अनुसूचित जनजाति घटक में विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध धन के माध्यम से जनजातीय आबादी वाले गाँवों में सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं के अंतराल को कम करना और बुनियादी ढाँचा प्रदान करना है। 
  • इस अवधि के दौरान अधिसूचित जनजातियों के साथ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम 50% जनजातीय आबादी वाले 36,428 गाँवों और 500 जनजातियों को कवर करने की परिकल्पना है। 
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य चयनित गाँवों के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल करना है। इसमें निम्नलिखित घटक शामिल हैं- 
  • आवश्यकताओं, संभावनाओं और आकांक्षाओं के आधार पर ग्राम विकास योजना तैयार करना
  • केंद्र/राज्य सरकारों की व्यक्तिगत/पारिवारिक लाभ योजनाओं के दायरे को अधिकतम करना
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी और आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे में सुधार करना 
  • यह योजना विकास के प्रमुख आठ घटकों, जैसे- सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पेयजल सुविधा, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में अंतराल को कम करने के लिये तैयार की गई है। 
  • पी.एम.ए.ए.जी.वाई. के तहत प्रशासनिक खर्चों सहित अनुमोदित गतिविधियों के लिये प्रति गाँव ₹20.38 लाख की राशि का प्रावधान 'गैप-फिलिंग' के रूप में किया गया है। अगले 5 वर्षों में योजना के लिए कैबिनेट द्वारा 7,276 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी गई है। 
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