प्रारंभिक परीक्षा – प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
12 मार्च,2024 को प्रधानमंत्री ने सस्ती दवाइयों के लिए डिंडीगुल, इरोड, तिरुचि और पलक्कड़ रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत जन औषधि केंद्रों का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- यहाँ यात्री किफायती मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं खरीद सकेंगे।
- यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से सभी प्रमुख स्टेशनों तक विस्तारित किया जाएगा।
- रेल मंत्रालय ने पीएमबीजेपी के तहत रेलवे स्टेशनों और अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों पर जन औषधि केंद्र खोलने को सैद्धांतिक मंजूरी दिया दी थी।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना:
- नवंबर 2008 में सभी को सस्ती कीमतों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने ‘जन औषधि योजना’ शुरू की थी।
- सितंबर,2015 में जन औषधि योजना को प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMJAY) के रूप में नया दिया गया।
- नवंबर, 2016 में योजना को और अधिक गति देने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) नाम दिया गया।
- प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत, गुणवत्ता-जेनेरिक दवाएं प्रदान करने के लिए जन औषधि केंद्र स्थापित किए जा रहें हैं।
- प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना का लक्ष्य सभी को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।
- जन औषधि सुगम मोबाइल ऐप लोगों को उनके निकटतम जन औषधि केंद्र पहुचने में मदद करने के लिए लॉन्च किया गया था।
- इस एप्लिकेशन को ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू इन इंडिया (BPPI) द्वारा विकसित किया गया है।
उद्देश्य:
- जनता को जेनेरिक दवाओं के बारे में शिक्षित करना
- सभी चिकित्सीय समूहों को कवर करना
- चिकित्सकों के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की मांग पैदा करना
- योजना के तहत सभी संबंधित स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद भी प्रदान करना।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की विशेषताएं:
- इसके तहत पूरे देश में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK) स्थापित किए गए हैं ताकि स्वास्थ्य देखभाल के लिए जेब से होने वाले खर्च को कम किया जा सके।
- फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तहत ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के माध्यम से जेनेरिक दवाओं के समन्वय, खरीद, आपूर्ति और विपणन में शामिल है।
- खरीदी गई जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की बाजार कीमतों की तुलना में 50% से 90% कम कीमतों पर बेची जाती हैं।
- इस योजना के तहत खरीदी गई सभी दवाओं का गुणवत्ता आश्वासन के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड प्रयोगशालाओं से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाता है।
- इस योजना के तहत खरीदी गई सभी दवाओं का गुणवत्ता आश्वासन के लिए एनएबीएल (राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड प्रयोगशालाओं) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाता है।
- ये दवाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप है।
जन औषधि केंद्र:
- ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू इन इंडिया (BPPI) प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के एक हिस्से के रूप में जन औषधि केंद्र चला रहा है।
- ये वे केंद्र हैं जहां से सभी को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
- इन्हें डॉक्टरों, फार्मासिस्टों, उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों, धर्मार्थ समितियों आदि द्वारा किसी भी उपयुक्त स्थान पर या अस्पताल परिसर के बाहर स्थापित किया जा सकता है।
जेनेरिक दवाएँ:
- जेनेरिक दवाएं गैर-ब्रांडेड दवाएं हैं जो समान रूप से सुरक्षित हैं और चिकित्सीय मूल्य के मामले में ब्रांडेड दवाओं के समान ही प्रभावकारिता रखती हैं।
- जेनेरिक दवाओं की कीमतें उनके ब्रांडेड समकक्षों की तुलना में बहुत सस्ती हैं।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 12 मार्च,2024 को प्रधानमंत्री ने सस्ती दवाइयों के लिए डिंडीगुल, इरोड, तिरुचि और पलक्कड़ रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत जन औषधि केंद्रों का लोकार्पण किया।
- नवंबर 2008 में सभी को सस्ती कीमतों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने ‘जन औषधि योजना’ शुरू की थी।
- जन औषधि सुगम मोबाइल ऐप जन औषधि केंद्र की जानकारी के लिए लॉन्च किया गया था।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना क्या है? इसके प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
|
स्रोत: THE HINDU