(प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय अर्थव्यवस्था) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : आर्थिक विकास से संबंधित विषय)
संदर्भ
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने अर्थव्यवस्था में इनपुट कीमतों को कुशलतापूर्वक मापने के लिए उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) के एक नए मॉडल को अंतिम रूप दिया है तथा इसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ साझा किया है।
सरकार थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार वर्ष में परिवर्तन करने के साथ-साथ अधिकांश G-20 अर्थव्यवस्थाओं के अनुरूप WPI से PPI की ओर बढ़ने की दिशा में भी काम कर रही है।
क्या है थोक मूल्य सूचकांक
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) खुदरा बिक्री से पहले वस्तुओं की कुल कीमत में परिवर्तन को मापता है।
डब्ल्यू.पी.आई. थोक स्तर पर वस्तु की कीमत को प्रदर्शित करता है। इसमें थोक में बिक्री किया जाने वाला वह माल शामिल होता है, जिसका उपभोक्ताओं के बजाए संगठनों के बीच व्यापार किया जाता है।
डब्ल्यू.पी.आई. एकमात्र सामान्य सूचकांक है जो व्यापक तौर पर मूल्यों में उतार-चढ़ाव का आकलन करता है और सभी प्रकार के व्यापार व लेनदेन में वस्तुओं के मूल्यों में परिवर्तनों का द्योतक है।
इसे प्राय: अर्थव्यवस्था में महंगाई की दर के संकेतक के रूप में समझा जाता है।
डब्ल्यू.पी.आई. की गणना
उत्पादक एवं थोक मूल्यों में परिवर्तन की समग्र दर को ट्रैक करने के लिए डब्ल्यू.पी.आई. मासिक आधार पर रिपोर्ट की जाती है।
एक वर्ष में विचार की जाने वाली वस्तुओं की कुल लागत की तुलना आधार वर्ष में उन्हीं वस्तुओं की कुल लागत से की जाती है।
इस सूचकांक को आधार अवधि के लिए 100 पर निर्धारित किया जाता है और गणना वर्ष के लिए कीमतों में परिवर्तन को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
भारत में डब्ल्यू.पी.आई.
भारत में थोक मूल्य सूचकांक की गणना वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा की जाती है।
डब्ल्यू.पी.आई. की वर्तमान श्रृंखला का आधार वर्ष 2011-12 है। यह डब्ल्यू.पी.आई. का सातवां संशोधन था और इसे 2017 से लागू किया गया था।
WPI के प्रमुख घटक
प्राथमिक वस्तुएं (भारांश 22.62%) : इसमें खाद्य वस्तुएं (अनाज, फल व सब्जियां), गैर-खाद्य वस्तुएँ और पेट्रोलियम उत्पाद (क्रूड पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस) शामिल होते हैं।
ईंधन एवं बिजली (भारांश 13.15%) : इसमें पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. की कीमतों में उतार-चढ़ाव की माप की जाती है।
विनिर्मित उत्पाद (भारांश 64.23%) : इसमें बुनियादी धातुओं का निर्माण, खाद्य उत्पाद, वस्त्र, रासायन एवं रासायनिक उत्पाद, फैब्रिकेटेड धातु उत्पाद आदि शामिल हैं।
खाद्य सूचकांक : यह डब्ल्यू.पी.आई के अंतर्गत एक उप-सूचकांक है, जिसमें प्राथमिक वस्तु समूह से 'खाद्य सामग्री' और विनिर्मित उत्पाद समूह से 'खाद्य उत्पाद' शामिल होते हैं।
डब्ल्यू.पी.आई. की आलोचना
यह मुद्रास्फीति की गणना करने का एक आसान एवं सुविधाजनक तरीका है। डब्ल्यू.पी.आई. में परिवर्तन राजकोषीय व मौद्रिक नीतियों को भी प्रभावित करता है।
इसमें आम जनता के स्तर पर मुद्रास्फीति शामिल नहीं होती है क्योंकि वे थोक मूल्यों पर उत्पाद की खरीदते नहीं करते हैं। यह सेवा क्षेत्र को अपनी गणना में शामिल नहीं करता है।
क्या है उत्पादक मूल्य सूचकांक
उत्पादक मूल्य सूचकांक (Producer Price Index : PPI) घरेलू उत्पादकों को उनके उत्पादन के लिए प्राप्त कीमतों में समय के साथ औसत परिवर्तन को मापता है।
इसकी गणना दो तरीके से की जाती है : जब उत्पादित माल बिक्री के लिए जाता है या जब कच्चा माल उत्पादन की प्रक्रिया में प्रवेश करता है।
ऐसे मामले में जहां तैयार माल उत्पादन स्थल से निकलता है, इसे आउटपुट पी.पी.आई. के रूप में जाना जाता है।
इसी प्रकार, इनपुट पी.पी.आई. वह है जब माल उत्पादन प्रक्रिया में प्रवेश करता है।
यह उद्योग एवं व्यापार के दृष्टिकोण से मुद्रास्फीति पर विचार करता है और उपभोक्ताओं द्वारा अंतिम वस्तुओं व सेवाओं की खरीद से पहले मूल्य परिवर्तनों को मापता है।
अधिकांश विकसित देशों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। भारत WPI को PPI से प्रतिस्थापित करने पर विचार कर रहा है।