संदर्भ
थोक दवाओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार ने अरबिंदो फार्मा, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसी दवा कंपनियों को ‘उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना’ के अंतर्गत मंजूरी प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र के लिये उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना ‘फार्मास्यूटिकल्स विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय’ द्वारा शुरू की गई है।
- इसका उद्देश्य देश में महत्त्वपूर्ण शुरुआती सामग्री (KSMs) / मध्यवर्ती दवा और सक्रिय दवा सामग्री (API) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
- इसके अंतर्गत वर्ष 2020-21 से वर्ष 2029-30 की अवधि के लिये 6,940 करोड़ रुपए के कुल व्यय से, चार अलग-अलग लक्ष्यों के आधार पर ‘न्यूनतम घरेलू मूल्य संवर्धन’ के साथ ग्रीनफील्ड संयंत्रों को स्थापित किया जाएगा।
- इस योजना के तहत संयंत्रों की स्थापना में कंपनियाँ 3,761 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी और इससे लगभग 3,825 लोगों को रोज़गार प्राप्त होगा।
- इसमें लक्ष्य खंड- I में 4 उत्पाद- पेनिसिलिन जी; 7-एसीए; एरिथ्रोमाइसिन थायोसाइनेट (TIOC) और क्लैवुलैनिक एसिड शामिल हैं। वर्तमान में इन दवाओं का आयात किया जाता है।
- इन्हें निर्धारित मूल्यांकन और चयन मानदंडों के अनुसार प्राथमिकता के आधार शामिल किया गया है।
- विदित है कि भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग परिमाण की दृष्टि से दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा और मूल्य की दृष्टि से 14वां सबसे बड़ा है। यह वैश्विक स्तर पर निर्यात की जाने वाली कुल ड्रग्स और दवाओं में 3.5% का योगदान देता है।
उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना [Production Linked Incentive (PLI) Scheme]
- यह योजना वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के प्रुमख 10 क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
- पी.एल.आई. योजना आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी। साथ ही, वैश्विक और घरेलू हितधारकों को उच्च मूल्य उत्पादन में शामिल होने के लिये प्रोत्साहित करेगी। इसके माध्यम से 25% कॉर्पोरेट टैक्स रेट में भी कटौती होगी।