हाल ही में भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण की शुरुआत की है।
यह प्रोजेक्ट भारत में स्पर्श-केंद्रित कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) स्थापित करके रक्षा पेंशनभोगियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को सहयोग और सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है।
प्रमुख विशेषताएं
पेंशन संबंधी प्रक्रियाओं में सुगमता :प्रोजेक्ट नमन स्पर्श (सिस्टम फॉर पेंशन एडमिन्सट्रेशन रक्षा), डिजिटल पेंशन प्रणाली के कार्यान्वयन पर केंद्रित है, जो रक्षा पेंशनभोगियों के लिए पेंशन संबंधी प्रक्रियाओं को सुगम बनाती है।
इसमें पूर्व सैनिकों, पेंशनभोगियों, शहीदों की विधवाओं और शहीदों के परिजनों को स्पर्श-सक्षम पेंशन सेवाएं, सरकार से नागरिक (G2C) सेवाएं और व्यवसाय से उपभोक्ता (B2C) सेवाएं, सभी एक ही सुविधाजनक स्थान पर प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
सुविधा केन्द्रों की स्थापना : इस परियोजना में स्वागत और सुविधा केन्द्रों की स्थापना शामिल है।
प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण में, भारत भर में प्रमुख स्थानों पर 14 सीएससी स्थापित किए गए हैं।
अगले 2-3 वर्षों में देश भर में लगभग 200 केन्द्र स्थापित करने की योजना के साथ, इस प्रोजेक्ट का विस्तार किया जाना है।
समझौता :इस प्रोजेक्ट के लिए सितम्बर 2023 में भारतीय सेना के डायरेक्टरेट ऑफ इंडियन आर्मी वैटरंस (एडजुटेंट जनरल की शाखा), कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए है।
बैंकिंग भागीदार, एचडीएफसी बैंक ने सीएससी को चालू करने के लिए आवश्यक आईटी बुनियादी ढांचा प्रदान किया है, जबकि स्थानीय सैन्य स्टेशनों ने आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
उद्यमशीलता के अवसर :प्रत्येक CSC के प्रबंधन के लिए एक ग्राम स्तरीय उद्यमी के चयन के प्रावधान किया गया है, जिसे संबंधित स्थानीय सैन्य अधिकारियों द्वारा पूर्व सैनिकों या उनके परिवारों में से चुना जाना है।
इन ग्राम स्तरीय उद्यमियों को CSC ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है।
केंद्रों को स्थिर और बनाए रखने के लिए पहले 12 महीनों हेतु एचडीएफसी बैंक द्वारा ₹ 20,000 के मासिक अनुदान के सहायता भी दी जाती है।