प्रोजेक्ट नेक्सस एक बहुपक्षीय पहल (multilateral initiative) है जिसे बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (Bank for International Settlements - BIS) द्वारा परिकल्पित (conceptualized) किया गया है।
इसका उद्देश्य देशों के घरेलू तत्काल भुगतान प्रणालियों (Instant Payment Systems - IPS) को आपस में जोड़कर सीमापार खुदरा भुगतान (cross-border retail payments) को त्वरित, सुलभ और किफायती (cost-effective) बनाना है।
यह पहल G20 के वैश्विक भुगतान प्रणाली सुधार लक्ष्यों (G20 objectives of improving global payment systems) के अनुरूप है।
संस्थागत पृष्ठभूमि (Institutional Background)
बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS):
स्थापना: 1930, मुख्यालय: बेसल, स्विट्ज़रलैंड
स्वामित्व: 63 केंद्रीय बैंकों (central banks) के पास, जिनमें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) भी शामिल है।
कार्य: केंद्रीय बैंकों का बैंक (Bank for central banks), जो वैश्विक वित्तीय और मौद्रिक स्थिरता (financial and monetary stability) को बढ़ावा देता है।
BIS का इनोवेशन हब (Innovation Hub):
प्रोजेक्ट नेक्सस की कल्पना और विकास करने वाला विभाग।
यह नवाचारी वित्तीय समाधान (innovative financial solutions) विकसित करने के लिए केंद्रीय बैंकों के साथ सहयोग करता है।
क्या है तत्काल भुगतान प्रणाली (Instant Payment System - IPS)?
IPS एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली (electronic payment system) है जो: अलग-अलग बैंकों के खातों में तुरंत पैसा स्थानांतरित करती है।
भेजने वाले और प्राप्तकर्ता दोनों को एक मिनट के भीतर भुगतान पुष्टि (payment confirmation) देती है।
24x7 कार्यरत रहती है – यानी हर समय उपलब्ध।
उदाहरण: UPI (Unified Payments Interface) - भारत की IPS प्रणाली।
शामिल देश और समयसीमा (Participating Countries & Timeline)
संस्थापक सदस्य (Founding Members):
भारत (UPI के माध्यम से)
मलेशिया
फिलीपींस
सिंगापुर
थाईलैंड
विशेष पर्यवेक्षक (Special Observer):
इंडोनेशिया
अपेक्षित कार्यान्वयन (Expected Go-Live): वर्ष 2026 तक
प्रोजेक्ट नेक्सस के उद्देश्य (Objectives):
सीमापार भुगतान में सुधार (Enhance Cross-Border Payments): तेज़, सस्ते और पारदर्शी (transparent) लेनदेन संभव करना।
संपर्क मानकीकरण (Standardize Connectivity): द्विपक्षीय समझौतों (bilateral agreements) की आवश्यकता को कम करके एक साझा ढांचा (unified framework) बनाना।
वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion): कम सेवा प्राप्त (underserved) आबादी को भी डिजिटल भुगतान प्रणाली से जोड़ना।
G20 लक्ष्यों का समर्थन (Align with G20 Goals): लागत, गति, पहुंच और पारदर्शिता (cost, speed, access, and transparency) में सुधार लाना।
परिचालन ढांचा (Operational Framework)
नेक्सस स्कीम संगठन (Nexus Scheme Organisation - NSO):
प्रोजेक्ट के संचालन, कार्यान्वयन और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता है।
तकनीकी विशिष्टताएँ (Technical Specifications):
ISO 20022 मैसेजिंग मानक (messaging standards) का उपयोग — IPS के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (interoperability) के लिए।
API (Application Programming Interface) विनिर्देश विकसित करना ताकि अलग-अलग IPS को आसानी से जोड़ा जा सके।
शासन मॉडल (Governance Model):
वैश्विक मानकों (international standards) का पालन सुनिश्चित करता है।
विभिन्न देशों के विनियामक अंतर (regulatory differences) को समायोजित करता है।
भारत के लिए महत्व (Significance for India)
वैश्विक नेतृत्व (Global Leadership):भारत को डिजिटल भुगतान अवसंरचना (digital payment infrastructure) में अग्रणी बनाना।
आर्थिक एकीकरण (Economic Integration):ASEAN देशों के साथ वित्तीय जुड़ाव (financial connectivity) को मजबूत करना।
वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion):अधिक जनसंख्या को डिजिटल भुगतान से जोड़ना।
रणनीतिक प्रभाव (Strategic Influence):भारत की वैश्विक वित्तीय मानकों (global financial standards) को आकार देने में भूमिका को बढ़ाना।