प्रारंभिक परीक्षा – शहद मिशन कार्यक्रम, प्रोजेक्ट RE-HAB मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2– सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
सन्दर्भ
- हाल ही में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष द्वारा प्रोजेक्ट RE-HAB (मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथियों के मानव पर होने वाले हमलों को कम करना) के तहत कर्नाटक में प्रशिक्षित लाभार्थियों को जीवंत मधुमक्खी पालन उपकरण और 200 मधुमक्खी-बक्से वितरित किए गए।
प्रोजेक्ट RE-HAB
- प्रोजेक्ट RE-HAB राष्ट्रीय शहद मिशन के अधीन खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) की एक पहल है।
- इसका उद्देश्य मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथियों द्वारा मानव पर होने वाले हमलों को कम करना है।
- RE-HAB परियोजना के तहत हाथियों के मानव आवासों में उनके प्रवेश को रोकने के लिए उनके मार्ग में मधुमक्खियों के बक्सों को स्थापित करके "मधुमक्खी-बाड़ें" बनाई जाती हैं।
- इन बक्सों को एक तार से जोड़ा जाता है, जिससे हाथियों द्वारा वहां से गुजरने का प्रयास करने पर एक खिंचाव के कारण मधुमक्खियां हाथियों के बीच में आ जाती हैं और उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं।
- यह जानवरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना मानव-पशु टकराव को कम करने का एक कुशल तरीका है।
- यह वैज्ञानिक रूप से दर्ज किया गया है कि हाथी मधुमक्खियों के झुण्ड से डरते हैं, जो उनके सूंड और आंखों के संवेदनशील अंदरूनी हिस्से को काट सकती हैं।
- मधुमक्खियों की सामूहिक भनभनाहट हाथियों को परेशान करती है, जो उन्हें वापस लौटने पर मजबूर कर देती है।
- RE-HAB के तहत किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
- इसके अलावा हाथियों को खेतों में घुसने से रोकने के लिए किसानों को हाथी गलियारों में लगाने के लिए मधुमक्खी बक्से भी दिए जाते हैं।
प्रोजेक्ट RE-HAB के लाभ
- भारत में हाथियों के हमले से प्रति वर्ष लगभग 500 लोगों की मौत हो जाती है।
- यह देश भर में बाघों के हमले से होने वाली मौतों से लगभग 10 गुना अधिक है।
- 2015 से 2020 तक हाथियों के हमले में करीब 2500 लोगों की जान जा चुकी है, इसमें से करीब 170 लोगों की मौत अकेले कर्नाटक में हुई है।
- पिछले 5 वर्षों में लगभग 500 हाथी भी मनुष्यों द्वारा प्रतिशोध में मारे गए हैं।
- प्रोजेक्ट RE-HAB हाथियों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना मानव-हाथी संघर्ष को कम करता है।
- यह बाड़ लगाना या खाइयाँ खोदने जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत लागत प्रभावी उपाय है।
- यह हाथियों को वन क्षेत्रों के पास के गाँवों में प्रवेश करने से रोकने का एक बेहतर और मानवीय तरीका भी है।
- इस पहल से शहद का उत्पादन भी बढ़ेगा तथा किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी, तथा इससे फसल को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।
- प्रोजेक्ट RE-HAB का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह हाथियों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए उन्हें दूर भगाता है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)
- यह खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- केवीआईसी का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में खादी और ग्रामोद्योग की स्थापना और विकास की योजना बनाना, बढ़ावा देना, सुविधा देना, संगठित करना और सहायता करना है।
- यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय( MSME) के अंतर्गत कार्य करता है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के उद्देश्य
- रोजगार प्रदान करने का सामाजिक उद्देश्य।
- बिक्री योग्य वस्तुओं के उत्पादन का आर्थिक उद्देश्य।
- गरीबों के बीच आत्मनिर्भरता पैदा करने और एक मजबूत ग्रामीण सामुदायिक भावना का निर्माण करने का व्यापक उद्देश्य।
शहद मिशन कार्यक्रम
- यह मिशन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय( MSME) के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा 2017-18 में लॉन्च किया गया था।
- यह मधुमक्खी पालन गतिविधियों को बढ़ावा देने और ग्रामीण भारत में किसानों, आदिवासियों और बेरोजगार युवाओं के बीच आत्मनिर्भर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए लागू किया जा रहा है।
- कार्यक्रम के तहत, लाभार्थियों को मधुमक्खी बक्सों, मधुमक्खी कालोनियाँ, टूल किट और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
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