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प्रोजेक्ट शौर्य गाथा

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव (Indian Military Heritage Festival) के दूसरे संस्करण के दौरान प्रोजेक्ट ‘शौर्य गाथा’ की शुरुआत की।  

प्रोजेक्ट शौर्य गाथा के बारे में 

  • ‘प्रोजेक्ट शौर्य गाथा’ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) की पहल है। इसे संयुक्त सेवा संस्थान (USI) के अंतर्गत सेंटर फॉर मिलिट्री हिस्ट्री एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज के सहयोग से शुरू किया गया है।
  • इस प्रोजेक्ट में डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के साथ ही यू.एस.आई., पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, गृह एवं विदेश मंत्रालय भी शामिल है। 

प्रोजेक्ट शौर्य गाथा का उद्देश्य 

  • विरासत को संरक्षित करना एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में मिलट्री टूरिज्म को बढ़ावा देना
  • प्रमुख मिलिट्री लैंडमार्क की पहचान करके उन्हें रीस्टोर करना 
    • इनमें किले, बैटलफील्ड, स्मारक एवं म्यूजियम आदि शामिल हैं जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में मिलिट्री टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा 
  • एक व्यापक राष्ट्रीय सैन्य विरासत संरक्षण नीति (नेशनल मिलिट्री हेरिटेज कंजर्वेशन पॉलिसी) का विकास करना 
    • इसके माध्यम से ऐतिहासिक धरोहरों, जैसे- प्राचीन युद्ध भूमि, युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय को संरक्षित किया जा सकेगा। 
  • मुख्य युद्ध क्षेत्रों, सैन्य संग्रहालयों, स्मारकों एवं भारत के प्राचीन सैन्य इतिहास के बारे में जानकारी वाले विभिन्न स्रोतों को प्रकाशित करना 
    • इसके लिए एक वेबसाइट और ऐप का निर्माण किया जाएगा ताकि सैन्य इतिहास को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों व श्रोताओं तक भी पहुंचाया जा सके।
  • मिलिट्री टूरिज्म के जरिए बॉर्डर एरिया का समग्र विकास करके आर्थिक विकास सुनिश्चित करना 
    • इससे यहाँ के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। 

भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव

  • भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव एक प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है जिसमें भारत की समृद्ध सैन्य विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित किया जाता है। 
  • इसके उद्देश्यों में भारत की सैन्य परंपराओं, समकालीन सुरक्षा और रणनीति के मुद्दों की समझ को बढ़ाना और आत्मनिर्भर भारत पहल के माध्यम से सैन्य क्षमता में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयासों को बढ़ावा देना भी शामिल है।
  • इसके अलावा यह महोत्सव भारतीय थिंक टैंक, निगमों, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के उपक्रमों, गैर-लाभकारी संस्थाओं, शिक्षाविदों एवं अनुसंधान विद्वानों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, सैन्य इतिहास और सैन्य विरासत पर ध्यान केंद्रित करता है। 
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